Bilaspur Himachal Pradesh
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Bilaspur (बिलासपुर) is a town and district in the state of Himachal Pradesh, India.
Origin
Variants
- Vilaspur विलासपुर (1) = Bilaspur Himachal Pradesh (बिलासपुर हिमाचल प्रदेश) (AS, p.862)
- Vilaspur विलासपुर (2) = Bilaspur Chhattisgarh (बिलासपुर छत्तीसगढ़) (AS, p.862)
- Vyasapura व्यासपुर = दे. Vilaspur विलासपुर (AS, p.884)
History
Bilaspur was the capital of a state of the same name founded in the 7th century, also known as Kahlur. The ruling dynasty were Chandelas, who claimed descent from the rulers of Chanderi in present-day Madhya Pradesh. The town of Bilaspur was founded in 1663. The state later became a princely state of British India, and was under the authority of the British province of Punjab.
On 13 May 1665, Guru Tegh Bahadur went to Bilaspur to attend the mourning and funeral ceremonies for Raja Dip Chand of Bilaspur. Rani Champa of Bilaspur made an offer to the Guru of a piece of land in her state, which the Guru accepted at the cost of 500 rupees. The land consisted of the villages of Lodhipur, Mianpur, and Sahota. Guru Tegh Bahadur broke ground on a new settlement on 19 June 1665, which he named Nanaki after his mother.
In 1932, the state became part of the newly created Punjab States Agency, and in 1936 the Punjab Hill States Agency was separated from the Punjab States Agency. On 12 October 1948 the local ruler, Raja Sir Anand Chand, acceded to the Government of India.
Bilaspur became a separate state of India under a chief commissioner, and on 1 July 1954, Bilaspur State was made a district of Himachal Pradesh state by an act of the Indian Parliament. When the Sutlej River was dammed to create the Govind Sagar, the historic town of Bilaspur was submerged, and a new town was built upslope of the old.[1]
बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है .....बिलासपुर (AS, p.862): हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर ज़िले का मुख्य नगर है, जिसकी नींव राजा दीपचंद्र ने 1653 ई. में रखी थी। उन्होंने महाभारत कार महर्षि व्यास की स्मृति में इस नगर को बसाया था और इसका मूल नाम व्यासपुर ही रखा था जो बिगड़कर बिलासपुर बन गया। किंवदंती है कि वेदव्यास ने इस स्थान के पास एक गुफ़ा में तपस्या की थी। सतलज के वामतट पर एक पहाड़ी के नीचे व्यासगुफ़ा अब तक स्थित है। मार्कंडेय का आश्रम भी यहाँ से चार मील दूर है। कहा जाता है कि दोनों ॠषि एक सुरंग द्वारा परस्पर मिलने आते-जाते थे।
बिलासपुर नगर के पास कई मंदिर स्थापित है- रवानम, रवेनसर, रद्युनाथ, मुरली मनोहर और काकरी। जनश्रुति है कि इन मन्दिरों को पाडंवों ने बनवाया था। बिलासपुर में पहाड़ी की चोटी पर नैना देवी मंदिर है जिसे राजा वीरचंद (697-780 ई.) ने बनवाया था। यह मंदिर बिलासपुर रोपड़ से 50 मील और शिमला से 37 मील दूर है। यूरोपीय यात्री विग्ने ने 1838 ई. में इस नगर के सौंदर्य तथा वैभव के बारे में अपने संस्मरण लिखे थे। प्राचीन बिलासपुर भाकरा-नगल बाँध के कारण अब जलमग्न हो चुका है।
बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश का परिचय
बिलासपुर, दक्षिणी हिमाचल प्रदेश राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में है। यह नगर, राज्य की राजधानी शिमला के पश्चिमोत्तर में एक कृत्रिम झील गोविंदसागर के समीप स्थित है। बिलासपुर, कहलूर भी कहलाता है।
इतिहास: गु्रखों के अतिक्रमण से पहले 1894 तक बिलासपुर स्वतंत्र पंजाब हिल स्टेट की राजधानी था। ब्रिटिश सेना ने गुरखों को अगले ही वर्ष वहाँ से खदेड़ दिया था। पुराने महल और एक प्रसिद्ध मंदिर समेत लगभग पूरा नगर गोविंदसागर में जलमग्न हो गया था। 1950 के दशक के कुछ बाद नए नगर का निर्माण किया गया था।
संदर्भ: भरतकोश-बिलासपुर हिमाचल प्रदेश
External links
References
- ↑ History of the PUNJAB Hill States, Volume 2, J. Hutchinson and J. Ph. Vogel, P - 513, 1933, by Superintendent, Government Printing, Lahore, Punjab
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.862