Surat Singh
Surat Singh (सूरत सिंह) (b.-d.1742) was in the third generation of the founder of the Phulkian Dynasty, Chaudhari Phul, who belonged to Siddhu-Barad Jat clan.
Ancestors of Surat Singh
Phul’s descendants founded 3 States: Patiala, Jind and Nabha. Nabha was a state of Siddhu Jats founded by grandson of Chaudhary Phul Singh in 1755.
Tiloka had two sons namely, 1. Gurudutta 2. Sukh Chain. Sukh Chain's descendants ruled Jind state. Gurudatta's descendants ruled Nabha state. Gurudatta's only son was Surat Singh. Surat Singh died in 1742 prior to Gurudatta in 1744.
Surat Singh had two sons 1. Hamir Singh (1755-1783 ) and 2. Kapur Singh.
जाट इतिहास:ठाकुर देशराज
चौधरी फूल के बड़े लड़के तिलोका के दो पुत्र हुए- गुरुदत्तसिंह और सुखचैन। बड़े भाई गुरुदत्तसिंह के वंशज नाभा-स्टेट और छोटे भाई सुखचैन के रियासत जींद, सरदार बड़रूखां व बाजेदपुर थे। (जाट इतिहास:ठाकुर देशराज, पृ-476)
चौधरी गुरुदत्ता (b.-d.1744) का विवाह शार्दूलसिंह मामूड़ानवाला की लड़की के साथ हुआ था। इस औरत से इसके एक बेटा सूरत हुआ जिसने गांव धनौला बसाया और फिर संगरूर आबाद किया और काफी समय तक नाभा के कब्जे में ही रहा। पर राजा साहब जींद ने चालाकी से काम ले लिया। गुरुदत्ता ने बहुत से स्थान अपने पड़ौसियों से छीन लिए थे। परन्तु उसकी अपने छोटे भाई सुखचैन से पटती न थी। यहां तक कि कई बार खून-खच्चर का भी वाका हुआ। इनके इकलौते पुत्र सूरतसिंह सन् 1742 में दो पुत्र छोड़कर मर गए और उसके दो वर्ष बाद ही वह भी सन् 1744 में इस संसार से सदा के लिए उठ गए। (जाट इतिहास:ठाकुर देशराज, पृ.497-98)
External links
References
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