Hardev Singh Bhukar: Difference between revisions

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[p.322a]: आपके पिता का नाम चौधरी भैरोंसिंह जी भूकर था।  आपका जन्म संवत 1942 में हुआ है।  आप की भाईचारे में चौधरी रामबक्स जी से प्रतिस्पर्धा रहती थी किंतु कौम के काम में आप पृथ्वी सिंह, गंगा सिंह के बराबर मददगार रहे।  आप सीकर वाटी जाट पंचायत के कई वर्ष तक खजांची रहे हैं।  सीकर के जाट आंदोलन में आप फरार हो गए और गंगा सिंह जी के साथ बाहर रहे।  आपको 101/-  रुपये जुर्माने के अदा करने पड़े।  आपके मकान को भी सीकर के उन्मत अधिकारियों ने घेरा दिलवाया था और लूट भी कराई।  आप के पुत्र का नाम सूरत सिंह जी है।  
[p.322a]: आपके पिता का नाम चौधरी भैरोंसिंह जी भूकर था।  आपका जन्म संवत 1942 में हुआ है।  आप की भाईचारे में चौधरी रामबक्स जी से प्रतिस्पर्धा रहती थी किंतु कौम के काम में आप पृथ्वी सिंह, गंगा सिंह के बराबर मददगार रहे।  आप सीकर वाटी जाट पंचायत के कई वर्ष तक खजांची रहे हैं।  सीकर के जाट आंदोलन में आप फरार हो गए और गंगा सिंह जी के साथ बाहर रहे।  आपको 101/-  रुपये जुर्माने के अदा करने पड़े।  आपके मकान को भी सीकर के उन्मत अधिकारियों ने घेरा दिलवाया था और लूट भी कराई।  आप के पुत्र का नाम सूरत सिंह जी है।  
== शेखावाटी किसान आन्दोलन पर रणमल सिंह ==
[[शेखावाटी किसान आन्दोलन]] पर [[रणमल सिंह]]<ref>[[रणमल सिंह]] के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक - 'शताब्दी पुरुष - रणबंका रणमल सिंह'  द्वितीय संस्करण 2015, ISBN 978-81-89681-74-0 पृष्ठ.114</ref> लिखते हैं .... [[Kudan|कूदन]] के बाद जाट एजीटेशन के पंचों – [[Hari Singh Burdak|चौधरी हरीसिंह बुरड़क]], पलथना, [[Ishwar Singh Bhamu|चौधरी ईश्वरसिंह  भामु]], [[भैरूंपुरा]]; [[Prithvi Singh Bhukar|पृथ्वी सिंह भूकर]], [[Gothra Bhukaran|गोठड़ा भूकरान]]; [[Panne Singh Batar|चौधरी पन्ने सिंह बाटड़]], [[Bataranau|बाटड़ानाऊ]]; एवं [[Goru Singh Garhwal|चौधरी गोरूसिंह गढ़वाल]] (मंत्री) [[Katrathal|कटराथल]] – को गिरफ्तार करके [[Deogarh|देवगढ़]] किले मैं कैद कर दिया। इस कांड के बाद कई गांवों के चुनिन्दा लोगों को देश निकाला (ठिकाना बदर) कर दिया। मेरे पिताजी '''[[Ganpat Singh Dorwal|चौधरी गनपत सिंह]]''' को ठिकाना बदर कर दिया गया। वे [[Hatundi|हटूँड़ी]] ([[अजमेर]]) में हरिभाऊ उपाध्याय के निवास पर रहे। मई '''1935''' में उन्हें ठिकाने से निकाला गया और 29 फरवरी, '''1936''' को रिहा किया गया।


जब सभी पाँच पंचों को नजरबंद कर दिया गया तो पाँच नए पंच और चुने गए – [[Ganesh Ram Mahria|चौधरी गणेशराम महरिया]], [[Kudan|कूदन]]; [[Dhanna Ram Burdak|चौधरी धन्नाराम बुरड़क]], [[Palthana|पलथाना]]; [[Jawahar Singh Mawlia|चौधरी जवाहर सिंह मावलिया]], [[Chandpura Sikar|चन्दपुरा]]; [[Panne Singh Jakhar|चौधरी पन्नेसिंह जाखड़]]; [[Kolira|कोलिडा]] तथा [[Lekh Ram Dotasra|चौधरी लेखराम डोटासरा]], [[Kaswali|कसवाली]]। खजांची [[Hardeo Singh Bhukar Gothra|चौधरी हरदेवसिंह भूकर]], [[Gothra Bhukaran|गोठड़ा भूकरान]]; थे एवं कार्यकारी मंत्री [[Devi Singh Bochalya|चौधरी देवीसिंह बोचलिया]], [[ Kanwarpura Sikar|कंवरपुरा]]  ([[Phulera|फुलेरा]] तहसील) थे। उक्त पांचों को भी पकड़कर [[Deogarh Sikar|देवगढ़]] किले में ही नजरबंद कर दिया गया। इसके बाद पाँच पंच फिर चुने गए – [[Kalu Ram Sunda|चौधरी कालु राम सुंडा]], कूदन; [[Mansa Ram Thalor|चौधरी मनसा राम थालोड़]], [[Narsara|नारसरा]]; [[Harji Ram Garhwal|चौधरी हरजीराम गढ़वाल]], [[Madhopura Laxmangarh|माधोपुरा]] ([[Laxmangarh|लक्ष्मणगढ़]]); [[Kanhaiya Lal Mahla|मास्टर कन्हैयालाल महला]], [[स्वरुपसर]] एवं [[Chuna Ram Dhaka|चौधरी चूनाराम ढाका]] , [[Fatehpura|फतेहपुरा]]।
== External links ==
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Revision as of 16:39, 11 December 2017

Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Hardeo Singh Bhukar (born:1885 AD) was from village Gothra Bhukaran, Sikar, Rajasthan. He was Freedom fighter of Shekhawati farmers movement. [1]

जीवन परिचय

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....चौधरी हरदेवसिंह - [p.321a]: भूकर का गोठड़ा में चौधरी रामबक्स जी के बाद एक दूसरा संपन्न घराना भी है उसके मुखिया चौधरी हरदेव सिंह जी हैं।


[p.322a]: आपके पिता का नाम चौधरी भैरोंसिंह जी भूकर था। आपका जन्म संवत 1942 में हुआ है। आप की भाईचारे में चौधरी रामबक्स जी से प्रतिस्पर्धा रहती थी किंतु कौम के काम में आप पृथ्वी सिंह, गंगा सिंह के बराबर मददगार रहे। आप सीकर वाटी जाट पंचायत के कई वर्ष तक खजांची रहे हैं। सीकर के जाट आंदोलन में आप फरार हो गए और गंगा सिंह जी के साथ बाहर रहे। आपको 101/- रुपये जुर्माने के अदा करने पड़े। आपके मकान को भी सीकर के उन्मत अधिकारियों ने घेरा दिलवाया था और लूट भी कराई। आप के पुत्र का नाम सूरत सिंह जी है।

शेखावाटी किसान आन्दोलन पर रणमल सिंह

शेखावाटी किसान आन्दोलन पर रणमल सिंह[3] लिखते हैं .... कूदन के बाद जाट एजीटेशन के पंचों – चौधरी हरीसिंह बुरड़क, पलथना, चौधरी ईश्वरसिंह भामु, भैरूंपुरा; पृथ्वी सिंह भूकर, गोठड़ा भूकरान; चौधरी पन्ने सिंह बाटड़, बाटड़ानाऊ; एवं चौधरी गोरूसिंह गढ़वाल (मंत्री) कटराथल – को गिरफ्तार करके देवगढ़ किले मैं कैद कर दिया। इस कांड के बाद कई गांवों के चुनिन्दा लोगों को देश निकाला (ठिकाना बदर) कर दिया। मेरे पिताजी चौधरी गनपत सिंह को ठिकाना बदर कर दिया गया। वे हटूँड़ी (अजमेर) में हरिभाऊ उपाध्याय के निवास पर रहे। मई 1935 में उन्हें ठिकाने से निकाला गया और 29 फरवरी, 1936 को रिहा किया गया।

जब सभी पाँच पंचों को नजरबंद कर दिया गया तो पाँच नए पंच और चुने गए – चौधरी गणेशराम महरिया, कूदन; चौधरी धन्नाराम बुरड़क, पलथाना; चौधरी जवाहर सिंह मावलिया, चन्दपुरा; चौधरी पन्नेसिंह जाखड़; कोलिडा तथा चौधरी लेखराम डोटासरा, कसवाली। खजांची चौधरी हरदेवसिंह भूकर, गोठड़ा भूकरान; थे एवं कार्यकारी मंत्री चौधरी देवीसिंह बोचलिया, कंवरपुरा (फुलेरा तहसील) थे। उक्त पांचों को भी पकड़कर देवगढ़ किले में ही नजरबंद कर दिया गया। इसके बाद पाँच पंच फिर चुने गए – चौधरी कालु राम सुंडा, कूदन; चौधरी मनसा राम थालोड़, नारसरा; चौधरी हरजीराम गढ़वाल, माधोपुरा (लक्ष्मणगढ़); मास्टर कन्हैयालाल महला, स्वरुपसर एवं चौधरी चूनाराम ढाका , फतेहपुरा

External links

References

  1. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.321a-322a
  2. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.321a-322a
  3. रणमल सिंह के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक - 'शताब्दी पुरुष - रणबंका रणमल सिंह' द्वितीय संस्करण 2015, ISBN 978-81-89681-74-0 पृष्ठ.114

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