Pabu Ram Githala

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Paburam Githala

Paburam Githala or Shri Paburamji Githala son of Shri Gordhan Ram Githala belongs to Bhiya Khurd village in Makrana Tehsil of Nagaur district in Rajasthan. He is an Industrialist and Businessman who deals in Marble, Granite and Ceramics.

He takes pleasure in spending his hard money on charitable works like welfare of widows, destitute and arranging marriages for weaker section girls and also spread of education. He has been awarded by many organisations for his philanthropy.

परिचय

नाम- श्री पाबूरामजी चौधरी (गिटाला) ।

पिताजी का नाम-चौधरी गोरधनराम जी गिटाला ।

गांव - भीया खुर्द, तह. मकराना, नागौर (राज.) ।

उम्र- 46 वर्ष ।

शिक्षा - स्नातक ।

व्यवसाय- तेजा मार्बल, ग्रेनाइट, व सिरेमिक उत्पाद ।


यह तो आपका परिचय हुआ । मगर आपकी पहचान बस इतनी ही नहीं है । आपके कार्यों, मेहनत, लगन, संघर्ष पर अगर लिखा जाये तो शायद मुझे पूरी एक किताब लिखनी पड़ जाये । क्योंकि बहुत कम लोग ही ऐसे होते है जो निकलते तो झौंपङी से है मगर जीवन की कठिनाईयों को मुट्ठी में बंद कर सफलता की नई इबारत गढ देते है । फिर भी सादगी इतनी की अपना जीवन खुद के लिए कम और समाज तथा गरीबों के लिए ज्यादा समर्पित.. इसी ध्येय का दूसरा नाम है पाबूराम गिटाला.. माता-पिता अनपढ थे । 8वी के पश्चात अकाल राहत कार्यों में मजदूरी कर करके दक्षिण भारत गये और स्नातक पूर्ण की । मगर जन्मभूमि का मोह फिर नागौर खींच लाया । उस समय मार्बल मंडी किशनगढ के लिए यही कहा जाता था कि यहां केवल बणिये ही सेठगिरी करते है और जाट मजदूर रहते है । यह बात दिमाग में बिठा ली की जाट कौन है और क्या कर सकता है । अपनी मोटरसाइकिल 18000 में बेचकर सेठों की छाती पे गौदाम लगा लिया । धमकियां मिली, लठेतों से सामना हुआ मगर जाट जो ठहरा!! डटा रहा सीना ताने और देखते ही देखते सब पस्त हो गये । बणीयो का घमंड पैरों तले रौंद दिया । अपनी मेहनत व लगन से किशनगढ मार्बल एशो. के कौषाध्यक्ष बने। ना कभी खाया ना किसी को खाने दिया । मुसीबतें अब भी काफी थी । अपने ही समाज के लोग नीचा दिखाने में जुट गये मगर ये भी शिवभक्त ठहरे । झुकना नहीं सीखा था । एक एक कर सभी मुसीबतें टल गयी । आज इनका प्रतिष्ठान वीर तेजा मार्बल व सिरेमिक्स समस्त भारत देश के अलावा विश्व के दर्जन भर देशों में अपना माल सप्लाई करता है । जिसकी एक शाखा मदुरई (तमिलनाडु) में है । जो 15 एकङ के दायरे में फैली है । यहां से सऊदी, यूरोप और UAE में सप्लाई किया जाता है । एकमात्र यही प्रतिष्ठान है जहां 80% प्रतिशत से ज्यादा जाट कर्मचारी है । चंद हजार रूपयों से शुरू किया गया ये व्यवसाय आज करोड़ों की आमदनी दे रहे है । आज चौधरी जी 30 लाख से उपर सालाना भारत सरकार को केवल टेक्स के चुकाते है ।


एक नजर दानवीरता पर

  1. महिला शिक्षा पर इनकी सोच काफी मुखर है । सम्पूर्ण राज. मुख्यत: मारवाड क्षेत्र में आपने बालिका छात्रावासों के लिए काफी धन दिया है तथा कक्ष बनवाये है । जिसका एक उदाहरण वीर तेजा महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान, तेजास्थली, मारवाड़ मूँडवा, (नागौर) है । जहां 800 से ज्यादा हर तबके की बालिकाएँ अपना भविष्य निर्माण कर रही है । जिसमें आपकी तरह सैंकड़ों भामाशाओं द्वारा अनवरत सहयोग दिया जा रहा है ।
  2. सैंकडो निर्धन महिलाओं को जीवनयापन तथा कामकाज के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सीलाई मशीनें भेंट कर चुके हैं ।
  3. अनेकों गौशालाओं के लिए प्रतिवर्ष लाखों का चंदा देते हैं ।
  4. जगह-जगह चिकित्सा कैंप लगाकर गरिबों को दवा वितरण, रक्तदान आदि करवाते है । साथ ही साथ गरीब किसानों का ईलाज महंगे अस्पतालों में अपने खर्चे पर करवाते हैं ।
  5. आपने राजस्थान व तमिलनाडु में हर जाती व हर तबके के लोगों के होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में बढ-चढ कर योगदान दिया है तथा स्वंय आयोजन भी करवाये हैं ।
  6. 15 अगस्त व 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर ग्रामीण विधालयों में मिठाई, प्रतिभाशाली विधार्थियों को नगद पुरूष्कार तथा विधालयों में उचित सामग्री जैसे- पंखे, फर्नीचर भेंट करना ।
  7. जाट समाज द्वारा प्रकाशित होने वाली पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन के बहाने हजारों रूपये आर्थिक सहयोग में देना ।
  8. समस्त मार्बल एशो. को साथ लेकर 21 करोड़ की लागत का मार्बल सीटी हॉस्पिटल बनवाया जो non profit पर चलता है तथा 12 करोड़ का ऑडीटोरियम निर्माण ।

पुरस्कार व सम्मान

  • जाट, ब्राह्मण, माली आदि समाजों द्वारा सामूहिक विवाह सम्पन्न करवाने के लिए कई बार सम्मानित ।
  • राज. व तमिलनाडु में दानवीरता पुरस्कार से सम्मानित ।
  • अनाथ आश्रयों, वृद्ध शालाओं व विधालयों में कमरे निर्माण करवाने पर सैंकड़ों बार सम्मानित ।
  • लायंस क्लब द्वारा समाजसेवा में सम्मानित ।
  • भारत विकास परिषद् द्वारा दानवीरता पुरस्कार ।
  • कई समाजों द्वारा इन्हे जन विकास पत्रिका चलाने पर सम्मानित ।
  • अप्रैल 2011 में राष्ट्रीय एकता, अखंडता, व जनसेवा सम्मान ।
  • जाट बंधू द्वारा 2011 में प्रतिभा प्रशस्ती सम्मान ।
  • 15 मार्च 2009 को सामाजिक सेवा का सामाजिक पुरस्कार ।

वर्तमान पद

- मार्बल एसोसिएशन किशनगढ के संरक्षक तथा वीर तेजा महिला शिक्षण व शोध संस्थान, तेजास्थली मारवाड मूंडवा (नागौर) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है । (इस संस्थान के अध्यक्ष श्रीमान सी.आर.चौधरी साहब के नागौर सांसद निर्वाचित होने के कारण अध्यक्ष पद आपको दिया जा सकता है ।)

मेरे पास दानवीर पाबूराम चौधरी जी की जन्म से लेकर अब तक की पूरी कहानी मौजूद है। कहते है ना कि "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ।" इस बात का जीता- जागता उदाहरण पाबूरामजी जैसे समाजसेवी है । एक साधारण व गरीब किसान के घर से जिंदगी का सफर शुरू कर इस मुकाम पर पहुंचकर बेशक इन्होंने अपनी योग्यता व मेहनत का लौहा मनवा लिया । इनके जीवन का एक ही मूलमंत्र है कि - " ना झुको और ना झुकाओ । " समस्त जाट समाज को चौधरी साहब पर नाज है । तेजाबाबा आपका घर-बार धन धान्य से भरा रखे ताकि आप इसी तरह समाज व गरीबों की नि:स्वार्थ सेवा कर सके ।

एक बार फिर आपके कार्यों को सलाम ।

सम्पर्क सूत्र

  • 01463- 250339, 512901, 251900
  • Mob: 9314823888
  • Email- tejaceramic@rediffmail.com; tejamarble@gmail.com


www.tejagroups.com Email . tejamarble@gmail.com kishangarh office addr. Teja Ceramic , Teja Marble opp. Hotel Ramrana palace, Tunkra Road, Industrial area, Madanganj- Kishangarh Dist - Ajmer , Rajasthan

MADURI ADDR. Teja Granite and Marble 97/4A, Thavaranglam, Village - Kalimanglam , Post- Sivagangai, Main Road, MADURAI - 625020 TAMILNADU Tel No. +91 9600357888 +91 9314823888

लेखक

Balveer Ghintala Tejabhakt


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