Salhawas

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Salhawas on Jhajjar district map

Salhawas or Sahlawas (साल्हावास) is a well-known village in Jhajjar district, Haryana. It is also a constituency of Haryana Vidhan Sabha. Recently, it has also got the status of a sub-tahsil.

Location

District Rewari's borders are close to this village. It falls in arid zone and land was not so fertile in last century. Now, due to good irrigation facilities, the land is more fertile.

Villages in Salhawas tahsil

Amboli (अम्बोली), Bhurawas (भूरावास), Birar (बिरड़), Bithla (बीठला), Dhana Salhawas (ढाणा), Dhania (धनिया), Dhanirwas (धनीरवास), Humanupur (हमायुपुर), Jamalpur (जमालपुर), Jhanswa (झांसवा), Kohandrawali (कोन्द्रावाली), Ladain (लडायन), Mundahera (मुंड़ाहेड़ा), Nilaheri (नीलाहेड़ी), Niwada (निवादा), Salhawas (साल्हावास)

Origin

History

दलीप सिंह अहलावत [1] ने लिखा है कि जाखड़ जाटों के बीकानेर में भी कई छोटे-छोटे राज्य थे। जब राजस्थान में राजपूतों के राज्य स्थापित हो गये तब जाखड़ जाटों का एक दल रोहतक जिला (हरयाणा) में आ गया। इनका नेता लाढसिंह था। यहां पर जाखड़ों ने साहलावास, लडान आदि बहुत गांव बसाये। लाढसिंह बहादुर ने एक बड़े क्षेत्र पर जाखड़ जाटों का राज्य स्थापित किया जिसकी राजधानी लडान थी। दिल्ली के बादशाह की ओर से बहू झोलरी पर एक मुसलमान नवाब का शासन था। उसने बड़ी शक्तिशाली सेना के साथ जाखड़ों पर आक्रमण कर दिया और लडान पर अधिकार कर लिया। नवाब की सेना ने जाखड़ों के गांव को लूटना शुरु कर दिया और उन पर हर प्रकार के अत्याचार करने आरम्भ कर दिये। जाखड़ों के बुलावे पर डीघल गांव के जाट वीर योद्धा बिन्दरा के नेतृत्व में अहलावत जाटों का एक दल जाखड़ों से आ मिला। इन दोनों वंशों के जाटवीरों ने मुसलमान सेना एवं नवाब को मौत के घाट उतार दिया और बहू-झोलरी के किले पर अधिकार कर लिया। एक पठान सैनिक की गोली लगने से बिन्दरा वहीं पर शहीद हो गया। इस तरह से जाखड़ वीरों ने लडान का अपना राज्य फिर वापिस ले लिया और इनके बहुत से गांव आराम से बस गये थे। जाटों की शक्ति से डरकर दिल्ली का बादशाह जाखड़ों पर आक्रमण करने का साहस न कर सका।


पंडित अमीचन्द्र शर्मा[2]ने लिखा है: [p.23]: जाखड़ गोत्र के जाटों का बड़ा जाखू था। जाखू भी सरोहा क्षत्रिय था। वह सांगू का सहोदर भाई था। जाखू भी अपने भाई सांगू के साथ ही अजमेर से आया था और बीकानेर रियासत के ग्राम रिडी में बस गया। एक बार द्वारिका के महाराज ने अपनी पुत्री का स्वयंबर रचा था, जाखू भी वहाँ पहुंचा था, जाखू उस स्वयंबर के नियम पूर्ण नहीं कर सका


[p.24]: जाखू ने द्वारका से आकर कराव कर लिया और जाट संघ में मिल गया। राजपूत उससे घृणा करने लगे। जाखू की संतान जाखड़ कहलाई। जिला रोहतक तहसील झज्जर में जाखड़ों के बहुत से गाँव हैं। उनमे लड़ान, सालास, झाडली आदि मुख्य गाँव हैं। जाखू की संतानों में एक लाड़ा हुये जिसने लड़ान गाँव बसाया। महम्मदियों के शासनकाल में इस गाँव का मालिक एक पठान था, पुनः यह गाँव किसी प्रकार लाडा के हाथ आ गया। यह सारा विवरण चौधरी बिहारी सिंह आल्ला नंबरदार और चौधरी रामनाथ हवलदार ने लिखवाया।

Jat Gotras

Population

Notable Persons

External Links

List of villages in Jhajjar district - tahsil-wise

References

  1. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III (Page 217-218)>
  2. Jat Varna Mimansa (1910), Author: Pandit Amichandra Sharma, Published by Lala Devidayaluji Khajanchi, pp.23-24
  3. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III (Page 219)

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