Chhidda Singh Sogarwar

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Chhidda Singh Sogarwar (ठाकुर छिदासिंह), ----, Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. [1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....ठाकुर छिदासिंह - [पृ.29]: जहा दौपहर का धौंसा बजकर खेमकरण का भोजन होता था और जिसकी वजह से सोगरवार जाटों का सिर गर्व से ऊंचा हुआ था उसी वीर खेमकरण की जन्मभूमि में पैदा होने वाले जिस नोजवान ने 17.3.1948 को भरतपुर के किले में नई सरकार के सैनिकों के सामने छाती अड़ाकार, बंदूकों के हूदे खाकर और सेरों शरीर का खून बहाकर बहदुरी का परिचय दिया था उस का नाम ठाकुर छिदासिंह है। वह सिर्फ 27-28 साल का नोजवान है। किन्तु उसमें पानी है। सन् 1942 से ही वह किसान सभा का न डिगने वाला साथी है।

वीर खेमकरण की जन्मभूमि में ठाकुर पदमनसिंह (सुपुत्र ठाकुर रामचन्द्रसिंह), ठाकुर गिरराजसिंह (सुपुत्र ठाकुर गुलजारासिंह) और जमादार भगवान सिंह आदि दूसरे जाट जन सेवक हैं। जो आपस में लाख मतभेद होने पर भी कौम की सेवा में एक मत हैं।

नगला केसरिका में ठाकुर पंजाब सिंह, और नगला संता में ठाकुर पदमसिंह शांत ढंग से मदद देने वाले और कौम से मोहब्बत करनेवाले सभी कामों में दिलचस्पी लेते हैं।

जीवन परिचय

गैलरी

संदर्भ


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