Karab

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(Redirected from Karaw)

Karab (कारब) Kārab (कारब) Karaw (कारव) Karav (कारव) is village in Mat tahsil in Mathura district in Uttar Pradesh. PIN Code - 281504.

Location

Jat Gotras

Agre

Khokhia gotra originated from people who came from Khotan, who were called Khokhia. They are also said to have been originated from Karav. [1]

History

Karwara people find mention in Mahabrahmana 25/1030 dwelling on the Yamuna bank. Their capital was at village Karaw (कारव) at a distance of 10-12 km from Yamuna.[2]

We find Karwara clan in the history of Iran as Karpaya. Herodotus has written that at the time of war of Darius the Great and his son, Xerxes with Greeks they had an army of Indian Jats. In Sojahaj district of Iran there is a tribe called Karpaya which is of Karav people. It is possible that these people moved from Mathura district. There capital might be at Karav, a place in Mathura district. At present this area of Mathura is occupied by Hanga Jats. [3]

जाटों का विदेशों में जाना

ठाकुर देशराज[4] ने लिखा है .... उत्तरोत्तर संख्या वृद्धि के साथ ही वंश (कुल) वृद्धि भी होती गई और प्राचीन जातियां मे से एक-एक के सैंकड़ों वंश हो गए। साम्राज्य की लपेट से बचने के लिए कृष्ण ने इनके सामने भी यही प्रस्ताव रखा कि कुल राज्यों की बजाए ज्ञाति राज्य कायम का डालो। ....द्वारिका के जाट-राष्ट्र पर हम दो विपत्तियों का आक्रमण एक साथ देख कर प्रभास क्षेत्र में यादवों का आपसी महायुद्ध और द्वारिका का जल में डूब जाना। अतः स्वभावतः शेष बचे जाटों को दूसरी जगह तलाश करने के लिए बढ़ना पड़ा। .... बाल्हीकों ने अफगानिस्तान में बलख नाम से पुकारे जाने वाले नगर को अपनी राजधानी बनाया था। एक समूह ईरान में भी इनका बढ़ गया था जो आजकल आजकल बलिक कबीले के नाम से मशहूर है। याद रहे कबीला जत्थे और वंश को कहते हैं। यह बलिक आजकल मुसलमान हैं और सिदव प्रांत में रहते हैं। अच्छे घुड़सवार समझे जाते हैं। काश्यप गोत्री जाटों का एक जत्था इन्हीं बलिकों के पड़ोस में रहता है जो आजकल कास्पी कहलाता है। ईरान के सोलहुज जिले में कारापाया एक कबिला है। यह कारपश्व लोगों में से हैं। ये कारपश्व जाट मथुरा जिले से उठकर गए थे जहांकि उनकी राजधानी आजकल के कारब में रही थी। अफगानिस्तान में हमें महावन नामक परगना भी मिलता है। इसका नामकरण मालूम होता है इन्हीं कारपश्व लोगों ने किया होगा। फिर बिचारे वहां से भी सोलहुज जिला (ईरान) में चले गए होंगे। कारपाया लोग बड़े अच्छे घुड़सवार गिने जाते हैं। कहा जाता है कि आरंभ में यह इस जिले में केवल 800 कुटुंब लेकर आबाद हुए थे। आजकल भी यह इस सोलहुज जिले के अधिकारी हैं और मुसलमान धर्म का पालन करते हैं।

Notable persons

  • Ch. Suresh Chaudhary is gram panchayat pradhan at present.

Village details

  • Mode of Earnings: Agriculture.
  • Education: Having upto 12th Standard college.
  • Population: Around 10 Thousands
  • Two bazars held on monday and thursday in this village
  • Raya to Baldeo road is very fine road.

External links

References

  1. Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihas (The modern history of Jats), Agra 1998 p. 235
  2. Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihas (The modern history of Jats), Agra 1998, p. 226
  3. Kishori Lal Faujdar:Jat aur Iran Desh, Jat Samaj Magazine Agra, October 1997
  4. Thakur Deshraj: Jat Itihas (Utpatti Aur Gaurav Khand)/Navam Parichhed,pp.147-151

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