Mehar Chand Kaswan

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Statue of Martyr Mehar Chand Kaswanat at Mehriya, Hanumangarh
Mehar Chand Kaswan Shilalekh at Mehriya, Hanumangarh

Mehar Chand Kaswan (3.6.1923-16.7.1950) was injured in war with Pakistan in 1948 when he was posted in Jammu and Kashmir. He was under treatment for one and half year and became martyr on 16.7.1950. He was from Mehriya village of Bhadra tahsil in Hanumangarh, Rajasthan.

जीवन परिचय

शहीद मेहर चंद कस्वां हनुमानगढ़ जिले की पंचायत समिति के गांंव मेहरिया के निवासी थे। देशभक्त शहीद सवार मेहर चंद कसवाँ सीआईएच आर्मड रेजीमेंट की प्रतिमा का अनावरण कमांडिंग ऑफिसर कर्नल वीआरएस सिरोही के कर कमलों द्वारा दिनांक 16.7.2012 को संपन्न हुआ. मेहर चंद कसवाँ का जन्म 3 जून 1923 को हुआ. सन 1948 में देश का बंटवारा चल रहा था, पाक सेना ने भारत पर पहला युद्ध थोप दिया था. उस वक्त सवार मेहरचंद जम्मू कश्मीर में तैनात थे. घमासान युद्ध में सवार मेहर चंद दुश्मन की गोली से घायल हो गए. उनका 1 साल 6 महीने तक सेना के अस्पताल में इलाज चलता रहा परंतु ठीक नहीं हुए. आखिर 16 जुलाई 1950 को आखिरी सांस लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए.

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References


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