Rambabu Singh Parihar

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ठाकुर रामबाबूसिंह परिहार

Thakur Rambabu Singh Parihar was from Kathwari, Kiraoli, Agra, Uttar Pradesh. He was social worker and Freedom fighter of Shekhawati farmers movement.

जीवन परिचय

ठाकुर रामबाबूसिंह परिहार के भतीजे कुं. बहादुरसिंह, कुं. प्रतापसिंह और चिरंजीव फूलसिंह परिहार-वंश के नवयुवक अपनी भड़कीली बसन्ती पोशाक में जनता के मन को मोह रहे थे।[1] स्वागताध्यक्ष कुंवर बहादुरसिंह (सुपुत्र स्वर्गीय ठाकुर पीतमसिंह परिहार, जमींदार कठबारी) ने अपना छपा हुआ भाषण पढ़ा । अनन्तर ठाकुर हुक्मसिंह परिहार ने ठाकुर भोलासिंह जी फौजदार का प्रख्यात नाम इस महोत्सव के प्रधान बनाए जाने के लिए पेश किया। (जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठ-680)

पताका गान

ठाकुर देशराज [2] ने लिखा है कि प्रत्येक जाति और संप्रदाय में झंडे की बड़ी कदर होती है। हमारा तरुण समाज भी अपनी प्यारी जाट-पताका की कद्र करना सीखेगा और उसमें श्रद्धा और भक्ति रखेगा। पुस्तक के अंत में इसी हेतु से एक पताका गान भी दिया जा रहा है जिससे ठाकुर रामबाबूसिंहजी परिहार ने तैयार किया है।

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References


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