Amba

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Bhishma abducting princesses Amba, Ambika and Ambalika from the assemblage of suitors at their swayamvara

Amba (अम्बा) was the eldest daughter of the king of Kashi (Varanasi). She had two younger sisters Ambika and Ambalika. Amba is a commonly used word in Sanskrit meaning mother, also with Vedic linkage as the mother of the Vedas.

Variants

  • Ambaji (अंबाजी, राजस्थान) (AS, p.7)

Legend

Amba, Ambika and Ambalika were daughters of Kashya, the King of Kashi. They were taken by force by Bhishma from their Swayamvara, the latter having challenged and defeated the assembled royalty. He presented them to Satyavati for marriage to Vichitravirya. Ambalika and her sister spent seven years in their husband's company. Vichitravirya was affected with phthisis, (tuberculosis) and died from the disease.[1][2]

After Vichitravirya's death, his mother Satyavati sent for her first born, Rishi Veda Vyasa. She asked him to father children on the widowed queens of Vichitravirya according to the prevalent custom of Niyoga. Veda Vyasa had come from years of intense meditation and as a result, he looked tremendously unkempt. When he approached Ambika, she closed her eyes in fear. As a result the blind Dhritrashtra was born. When he approached Ambalika, she turned pale in fear. Her son Pandu, the result of the niyoga, was born with a pale appearance.[3][4]

After the death of Pandu, Ambalika accompanied her mother-in-law Satyavati and sister Ambika to the forest and spent the rest of her days in spiritual retreat.[5]

Shiva grants boon to Amba

During her swayamvara (marriage ceremony), Bhishma abducts Amba with her sisters Ambika and Ambalika, seeking the princesses for his step brother Vichitravirya, the king of Hastinapur. Amba loves another king Salva, and is permitted to go to him. However, Salva rejects her as she is spoiled by her captor's touch. An infuriated Amba blames Bhishma for ruining her life. She seeks help of the sage Parashurama to defeat Bhishma, but he fails. From Bhisma, she goes to King Drupada, who also refuses to marry her. She hangs a garland on his palace gate as a reminder for revenge. Finally, she gets fed up with all men and turns to asceticism and pleases the god Shiva, who grants her the boon that she will slay Bhishma in her next birth. She kills herself to hasten the fulfillment of the boon. Amba gives birth to a daughter (with Drupada) and calls her/him as Shikhandi, who becomes the cause of Bhishma's death.

Temples of Amba

  • अम्बा मंदिर - कृष्ण की कुलदेवी का मंदिर जिसकी पूजा शारदा पीठ द्वारा संपन्न की जा रही है।
  • Ambaji Mata - Vadnagar
  • Ambaji Mata - Berchha

अंबाजी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[6] ने लेख किया है ...अम्बाजी (AS, p.7) गुजरात राज्य के बनासकांठा ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ है। यहां सरस्वती नदी, कोटेश्वर महादेव और अंबाजी का मन्दिर है। स्थानीय किंवदंती है कि बालकृष्ण का मुंडन संस्कार यहीं हुआ था। एक अन्य जनश्रुति के आधार पर यह भी कहा जाता है कि रुक्मिणीहरण इसी अंबाजी के मन्दिर से हुआ था। यह पिछली जनश्रुति अवश्य ही सारहीन है क्योंकि महाभारत के अनुसार रुक्मिणी विदर्भ की राजकुमारी थी।

अम्बाजी शक्तिपीठ

अम्बाजी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

गुजरात शक्ति-साधना का अनुपम केन्द्र है। यहाँ हलवद के पास सुंदरी, कच्छ में आशापुर, बदवाण में बुटामाता, द्वारका में अभयमाता, नर्मदा तट पर अनसूया, घोघा के पास खोड्यार माता आदि अनेक रूपों में शक्ति की उपासना होती है। पुराने जूनागढ़ के गिरनार पर्वत के प्रथम शिखर पर देवी अम्बिका का भव्य-विशाल मंदिर है। कहते हैं पार्वती यहीं निवास करती हैं। अम्बिका (अम्बाजी) के इस मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। पर्वत की चढ़ाई काफ़ी ऊँची हैं। सहस्त्रों सीढ़ियाँ पार करने पर तीन शिकरों की यात्रा होती है। इन शिखरों पर क्रमश: अम्बादेवी, योगाचार्य गोरखनाथ तथा दत्तात्रेय के स्थान हैं।

अम्बादेवी की विशाल मूर्ति इस वन प्रदेश में उग्र प्रतीत होती है। इसी पर्वत की एक गुफा में काली जी की मूर्ति है। यहाँ सती का 'उदर भाग' गिरा था। यहाँ की शक्ति 'चन्द्रभागा' तथा शिव 'वक्रतुण्ड' हैं। ऐसी भी मान्यता है कि गिरनार पर्वत के निकट ही सती का 'ऊर्ध्वओष्ठ' गिरा था, जो भैरव शक्तिपीठ के नाम से विख्यात है, जहाँ की शक्ति 'अवंती' तथा शिव 'लंबकर्ण' हैं। गुजरात के ब्राह्मण विवाह के बाद वर-वधू को यहाँ देवी का चरणस्पर्श कराने के लिए लेकर आते हैं। पश्चिमी रेलवे के राजकोट से दक्षिण पश्चिम जूनागढ़ स्थित है। जूनागढ़ के आगे पश्चिम में सोमनाथ पड़ता है।

संदर्भ: भारतकोशअम्बाजी शक्तिपीठ

External links

Amba name of a Village

References


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