Asitanjana

From Jatland Wiki
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Asitanjana (असितांजन) was a city near Mathura and capital of Kansa. Another Asitanjana was situated in the region of Rangoon in Burma.

Variants

Asitanjana असितांजन (AS, p.53)

History

Indian Origin Places in Burma

Dineschandra Sircar[1] writes.... Among Sanskrit-Pali names in Burma, mention may be made of Golanagara or Golamrittikanagara (modern Ayetthema, 20 miles north of Thaton, Gola being supposed to stand for Gauda[2] Kalasapura (to the south eat of Prome near the mouth of Sittang,[3] Ramapura (Moulmein), Ramanyadesha (Lowe Burma)[4] and Shri (Bhamo or Tagaung).[5]. The principalities of Pushkaravati, Trihakumbha, Asitanjana and Ramyanagara were situated in the region of Rangoon, Ramavati and Dhanyavati (modern Rakhaingmyu being situated in Arakan[6] The city of Shrikshetra has been located at Hmawza near Prome. Sudharmapura is modern Thaton and the city of Arimardanapura is Pagan situated in the land of Tattadesha and the kingdom of Tamradvipa [7]

उत्तरापथ

विजयेन्द्र कुमार माथुर[8] ने लेख किया है ...उत्तरापथ (AS, p.93): विंध्याचल के उत्तर में स्थित प्रदेश का सामान्य नाम था। घटजातक में उत्तरापथ तथा यहाँ की असितांजना नामक नगरी का उल्लेख है। यह नगरी वर्तमान मथुरा के निकट थी। हर्षचरित में बाण ने उत्तरापथ को विंध्य के उत्तर में स्थित देश का पर्याय माना है।

असितांजन

विजयेन्द्र कुमार माथुर[9] ने लेख किया है ...1. असितांजन (AS, p.53) घटजातक (कॉवेल सं. 454) में वर्णित एक नगर जिसकी स्थिति उत्तरापथ में मानी गई है। असितांजन को कंस (वासुदेव कृष्ण का शत्रु) की राजधानी माना गया है। कृष्ण ने कंस को मारकर असितांजन पर अधिकार कर लिया था। इसे उत्तर-मधुरा मथुरा से भिन्न माना गया है। असितांजन नामक नगर का अस्तित्व वास्तविक जान पड़ता है।

असितांजन बर्मा

विजयेन्द्र कुमार माथुर[10] ने लेख किया है ...2. असितांजन (AS, p.53): बर्मा (ब्रह्मदेश) का प्राचीन नगर है। असितांजन पर अति प्राचीन काल से मध्ययुग तक भारतीय औपनिवेशिकों का शासन रहा था। भारतीय संस्कृति का प्रसार भी इस प्रदेश में दूर-दूर तक हुआ। असितांजन बर्मा में प्राचीन भारतीयों का एक प्रमुख स्मारक है।

External links

References

  1. Studies in the Geography of Ancient and Medieval India, By Dineschandra Sircar, p.319
  2. ibid.,p.195
  3. ibid.,p.197
  4. ibid.,p.196
  5. ibid.,p.200
  6. Coedes, The Indianised States in South-East Asia,p.329,cf p.156, RC Majumdar,opcit,p.202
  7. RC Majumdar,opcit,p.207
  8. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.93
  9. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.53
  10. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.53