Guleriya Sujangarh

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Location of Sujangarh in Churu district

Guleriya (गुलेरिया) Gulerian (गुलेरियां) is a medium-size village in Sujangarh tahsil in Churu district in Rajasthan.

Founder

Guleriya Jats

Jat Gotras

History

सुजानगढ़ के इतिहास में प्रथम आधार-शिला समाज के गुलेरिया गोत्र के पूर्वजों ने रखी थी। विक्रम संवत 1630 (=1573 ई.) में डीडवाना मोलासर के पास लादड़िया गांव से जाट गुलेरिया परिवार के दो भाईयों की ठाकुर के साथ लाग-बाग के संबंध में अनबन हो गई जिससे वे गाँव छोडकर निकल गए। ठाकुर ने यह दवाब बनाया कि जो लादड़िया गांव में रहेगा उसको ठाकुर की जय बोलनी पड़ेगी। इस संबंध में एक लोकोक्ति प्रचलित है - लादड़िया में रहीं जको जय ठाकुर की कहीं। स्वाभिमानी जाटों को यह मंजूर नहीं था सो बैल गाड़ियों में सामान डालकर अनजान स्थान के लिए रवाना हो गए। ठाकुर ने कहा कि जा तो रहे हो परंतु जोधपुर रियासत में नहीं बसने दूँगा। जसवंतगढ़ में आकर पूछा तो पता चला कि जोधपुर रियासत सामने पड़े ताल में समाप्त होती है। यह बिकानेर रियासत का इलाका था। यहीं गुलेरिया जाटों ने डेरा डाला। यह क्षेत्र मांडोता ठाकुर का बीदासर जागीर के अधीन था। ताल की बंजर जमीन जहां गुलेरिया जाट बसे वह वर्तमान गांधी चौक के इर्द-गिर्द थी।[1]

मांडोता गाँव के दयालदासोत मारवाड़ के समीप के गांवों में डाका डालकर आ जाते थे। गोपालपुरा और व मांडोता के आपस में अनबन चलती थी जिसके कारण चार परिवार क्रमस: बासनीवाल (प्रजापत), मेघवाल (मेहरड़ा), नाई (टोकसिया) और माली (सांखला) ये गुलेरियों की ढ़ाणी के पास आकार बस गए। जो 'पंच ढ़ाणी' के नाम से कहलाए। 'पंच ढ़ाणी' गैर आबाद थी तथा जोधपुर- बीकानेर रियासत की सीमा पर होने से बीकानेर महाराजा विशेष ध्यान रखते थे। कहते हैं की 'पंच ढ़ाणी' में भी जब लूट-पाट होने लगी तब बीदासर जाकर बताने पर बीकानेर महाराज की ओर से 'पंच ढ़ाणी' के पहरे पर चार घुड़सवार भिजवाए जो एक साल तक यहाँ रहे। सुरक्षा व खेती की उपजाऊ जमीन पर बीकानेर महाराजा का वृद्धहस्त देख कर आस-पास के गावों से लोग आकार बसने लगे। ताल की जमीन में 5-6 फुट खोदने पर मीठा पनी निकलता था जिससे सिंचाई कर दो फसल व सब्जी भी खूब होती थी। [2]

एक बार मांडोता के दयालदासोता मारवाड़ से लूट के साथ हकीम का हाथी लेकर आ गए, हाथी तो वापस लौटा दिया परंतु जोधपुर की सेना ने चढ़ाई कर दी। मांडोता, कालिया गाँव में घेरा डालकर लूट-पाट की जिसमें रंजिश के कारण गोपालपुरा ने भी साथ दिया तथा गांवों को जला दिया। इस प्रकार ठाकुर फतेहसिंह के हाथ से जागीर चली गई। इस झगड़े में फतेहसिंह व उनके 25 भाई बंधु और एक भाटी जुंझार सिंह ने वीरगती पाई। दयालदासोता के बचे परिवार को बीदासर ठाकुर ने कोडासर में बसाया तथा बीदासर की नौकरी में रहे। फतेहसिंह के साथ काम आए जुझार सिंह पर भी छतरी बनी जिसका पत्थर आज भी आई. टी. आई. कालेज में लगा है। इसके ठीक सामने संवत 1679 (1622 ई.) में महासती दयालदास आसकरणजोत सजना मोहिल पर छतरी बनवाई। मांडोता, कालिया गाँव इस झगड़े में बिलकुल मिट गए। इनके अवशेष अब भी खुदाई में मिलते हैं। दोनों गांवों के अधिकतर लोग 'पंच ढ़ाणी' में आकार बस गए। [3]

गुलेरिया परिवार के गुलोजी ने गुलेरिया गाँव बसाया। 'पंच ढ़ाणी' के गुलेरिया परिवार के भाई ने हरयाणा में खैर गाँव बसाया जहां आज 100 से ज्यादा गुलेरिया परिवार हैं। 'पंच ढ़ाणी' की आबादी बढने पर ख़रबुज़ी के नाम से संवत 1780 (1723 ई.) में ढ़ाणी का नाम ख़रबुज़ी रख दिया तथा लोग नया बाजार तक मुख्य सड़क पर बस गए। सांडवा ठाकुर ने यहाँ पर एक गढ़ बनवाया तब इसका नाम ख़रबुज़ी कोट या ख़रबूज़ी रा कोट हो गया। [4]

जाटों की पंचायत

चौधरी लादूराम खीचड़ जाट पंचायत के फैसलों में काफी न्याय प्रिय माने गए हैं। रामपुर के एक कालेर की लड़की आबसर के किलका परिवार में ब्याही थी जिसको लड़के के बाप ने जबरन खुमाराम डोटासरा के साथ भेज दी। आबसर वालों ने जाटों की पंचायत गुलेरिया गाँव में बुलाई। इसमें निम्न लिखित पञ्च चुने गए।

परिवार पर 1300 रु. का आर्थिक दंड आरोपित किया, लड़की के द्वारा उसके बाप के सर पर 51 जूते मरवाए, खुमाराम डोटासारा के सर पर 21 जूते मरवाए। लड़की को वापस उसके घर भिजवाया जहाँ आज भी वह आनंदपूर्वक अपना जीवन यापन कर रही है। उसका परिवार भरा-पूरा है।

साभार - उद्द्येशय, जाट कीर्ति संस्थान चूरू द्वारा आयोजित सर्व समाज बौधिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह, चूरू, द्वितीय संस्करण जून 2013, p.37

Population

According to Census-2011 information: With total 356 families residing, Guleriya village has the population of 2103 (of which 1094 are males while 1009 are females).[5]

Notable persons

  • Ishwar Ram Guleria - Freedom Fighter and Social worker
  • Tiloka Ram Burdak - Freedom Fighter and Social worker

External links

References

  1. पीथाराम गुलेरिया, सुजानगढ़ जाट समाज निर्देशिका, 2015, पृ. 5
  2. पीथाराम गुलेरिया, सुजानगढ़ जाट समाज निर्देशिका, 2015, पृ. 5
  3. पीथाराम गुलेरिया, सुजानगढ़ जाट समाज निर्देशिका, 2015, पृ. 5
  4. पीथाराम गुलेरिया, सुजानगढ़ जाट समाज निर्देशिका, 2015, पृ. 6
  5. http://www.census2011.co.in/data/village/70773-guleriya-rajasthan.html

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