Neemoochana
Neemoochana (नीमूचाना) is a large village in Bansur tahsil of Alwar district in Rajasthan.
Location
Origin
The Founders
History
ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है .... चौधरी नानकचन्द जारपड़ की समाज सुधार में रुचि जबसे होश संभाला तबसे ही थी। 1923-24 में आप आर्य समाज अलवर के उपमंत्री थे। इसके बाद मंत्री और प्रधान भी रहे। इस समय तमाम अलवर राज्य के लिए आर्य समाज का आर्योप प्रतिनिधि सभा संगठन है उसके प्रधान हैं। पुष्कर जाट महोत्सव 1925 के बाद से ही आप कौम की सेवा में लगे हैं।
अलवर में सवाई जयसिंह का का शासन काल आतंक काल के नाम से प्रसिद्ध है। नीमूचाना कांड के बाद से जयसिंह के अच्छे कार्यों की भी दाद नहीं मिली। उन्होने सार्वजनिक जागृति के कार्यों को हमेशा कुचला। ऐसी परिस्थितियों में चौधरी नानकचन्द ने सभा संगठन बनाने के बजाय शिक्षा का प्रचार करना उचित समझा। उन्होने खानपुर नामक गांवमें एक जाट पाठशाला की नींव 12-13 साल पहले 5.5.1933 ई को डाली। आरंभ में बड़ी मश्किल से लड़कों को एकत्रित किया। चौधरी नानकचन्द जबसे जाट महासभा के संसर्ग में आए उनकी नीति गरम लोगों के साथ कभी नहीं रही।
5 मार्च 1946 को मैं अचंभित रह गया जब मैंने देखा कि इन गरीब लोगों के द्वारा भी जाट धर्म शाला के लिए 2700 रुपये तुरंत दे दिये गए। और धर्मशाला का शिलारोहन समारोह भी हो गया। आरंभ में आपका विचार था कि सभी अखिल भारतीय जाट महासभा को मजबूत करें लेकिन अशानुरूप काम नहीं होने पर अपने मार्च 1936 में "अलवर राज्य जाट क्षत्रिय सेवा संघ" की नींव डाली। जिसका पहला अधिवेशन सोडावास (निजामत मुंडवार) में हुआ। अलवर राज्य में जाटों का यह पहला शानदार उत्सव था जिसमें 202 गांवों के जाट प्रतिनिधि शामिल हुये। इसके बाद काकरा में दूसरा अधिवेशन हुआ जिसमें राय साहब चौधरी हरीरामसिंह कुरमाली इस अधिवेशन के अध्यक्ष और बाँके वीर चौधरी ईश्वर सिंह जगनिक। जिनके वीर रस से पूरित भजनों ने इस इलाके को जागा दिया। यह पहला अवसर था जब इस इलाके में जाट महिला, मेरी पत्नी ठाकुरानी त्रिवेणी देवी को मंच से बोलते हुये देखा। 5 मार्च 1946 को जब चौधरी नानकचन्द जी की सुपुत्री सत्यवती ने मंच से कन्या शिक्षा पर एक गीत गया तो मुझे लगा कि अलवर का जाट जमाने के साथ चलने की तैयारी कर रहा है।
अपने 10 वर्ष के जीवन में चौधरी नानकचन्द "अलवर राज्य जाट क्षत्रिय सेवा संघ" के माध्यम से अलवर राज्य के जाटों की बहुत रचनात्मक सेवा की। कई पाठशालाएं खोली। विद्यार्थियों को छात्रवृतियाँ दी गई। फिजूल खर्ची को रोका। कुरीतियाँ छुड़ाई। आपने अलवर जैसे शहर में अपने लखपति प्रतिद्वंदी को अपने वार्ड से 1945 के म्युनिसिपलिटी के चुनाव में हराया। प्रजा मण्डल बहुमत वाले बोर्ड ने आपको चेयरमैन चुना।
Jat Gotras
Jat Monuments
Population
The Neemoochana village has a population of 3604, of which 1920 are males while 1684 are females (as per Population Census 2011).[2]
Notable Persons
External Links
References
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