Pithapuram

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(Redirected from Pishthapuram)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

East Godavari district map

Pithapuram (पिठापुरम्) is a town in East Godavari district in the Indian state of Andhra Pradesh. The temple town is one of fifty five Sakti Peetikas.


Variants

History

Pithapuram was originally called Pishtapura. The earliest extant inscription to mention the city is the 4th century king Samudragupta's Allahabad Pillar inscription, which states that he defeated the king Mahendra of Pishtapura.[1] The inscriptions of the 4th and 5th century Vasishtha and Mathara dynasties also mention Pishtapura, describing it as a part of Kalinga.[2] In the 7th century, the Chalukya king Pulakeshin II annexed Pishtapura to his kingdom.[3]

Shakti Peetha

The town hosts temple of Puruhitika devi. It is one among 18 shakti peethas. Shripada Shri Vallabha, believed to be an incarnation of Lord Dattatreya by his devotees, lived in Pithapuram. He is considered one of the first complete avatars (incarnations) of the deity Dattatreya in Kali Yuga.[4]

पिट्ठपुरम् = पिष्ठपुरम्

विजयेन्द्र कुमार माथुर[5] ने लेख किया है ...पिट्ठपुरम् = पिष्ठपुरम् (AS, p.557): गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में इस स्थान का राजा महेंद्र कहा गया है जिस पर समुद्रगुप्त ने विजय प्राप्त की थी--'कोसलक महेन्द्र-माहकान्तार व्याघ्रराज कौशलक मण्टराज पैष्टपुरक महेन्द्रगिरि....' स्मिथ तरहा फ्लीट के मतानुसार पिष्ठपुरम्, वर्तमान पिट्ठपुरम् या पीठपुरम् है. यहां कलिंग की प्राचीन राजधानी थी.

पीठापुरम

पीठापुरम दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित तीर्थ स्थल है। वाल्टेयर मद्रास (वर्तमान चेन्नई) लाइन पर वाल्टेयर से 76 मील आगे पीठापुरम स्टेशन है। यहाँ यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएँ हैं। भारत में 5 पितृतीर्थ प्रधान माने जाते हैं- 1. गया (गयः शिरक्षेत्र), 2. याजपुर (नाभि गया), 3. पीठापुरम (पाद गया), 4. सिद्धपुर (मातृ-गया), 5. बद्रीनाथ (ब्रह्म-कपाली).

पाद गया क्षेत्र होने से यात्री यहाँ श्राद्ध तर्पण करने आते हैं। इस नगर के एक ओर महापाद गया नामक विस्तृत सरोवर है। वहाँ एक घेरे में पिण्डदान होता है। वहाँ कुक्कुटेश्वर शिव मंदिर है। सरोवर के समीप मधुस्वामी (नारायण) मंदिर है। उसके समीप ही माधवतीर्थ सरोवर है।

संदर्भ भारतकोश-पीठापुरम

पिष्ठपुर

विजयेन्द्र कुमार माथुर[6] ने लेख किया है .....पिष्ठपुर (AS, p.561) गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति में विजित राज्यों की सूची में पिष्ठपुर के राजा महेन्द्र का नाम है। उल्लेख इस प्रकार है--'कोसलक महेन्द्र-माहकान्तार व्याघ्रराज कौशलक मण्टराज पैष्टपुरक महेन्द्रगिरि....'

विसेंट स्मिथ और फ्लीट के अनुसार पिष्ठपुर की पहचान वर्तमान में आन्ध्र प्रदेश के पूर्व गोदावरी ज़िले में स्थित 'पिठारपुरम्' से की जाती है। पिष्ठपुर कलिंग राज्य की प्राचीन राजधानी थी। पिट्ठपुर नाम के सम्बन्ध में यह तथ्य उल्लेखनीय है कि खोह (नागदा,मध्यप्रदेश)) से प्राप्त होने वाले कुछ गुप्तकालीन अभिलेखों (528 ई.) में पिष्ठपुरी नामक देवी के मंदिर को दिए गए दान का उल्लेख है। यह सम्भव है कि पिष्ठपुर नामक कोई स्थान इस इलाके में भी स्थित रहा हो, जिसके नाम पर पिष्ठपुरी नामक स्थानीय देवी का नाम पड़ा होगा।

External links

References

  1. Ashvini Agrawal (1989). Rise and Fall of the Imperial Guptas. Motilal Banarsidass. p. 109. ISBN 978-81-208-0592-7.
  2. S. Sankaranarayanan (1977). The Vishṇukuṇḍis and Their Times: An Epigraphical Study. Agam Prakashan. p. 51.
  3. Ashvini Agrawal (1989). Rise and Fall of the Imperial Guptas. Motilal Banarsidass. p. 109. ISBN 978-81-208-0592-7.
  4. http://www.sreedattavaibhavam.org/sree-pada-sree-vallabha
  5. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.557
  6. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.561