Puran Singh Dabas

From Jatland Wiki
Dr. Puran Singh Dabas with family

Dr. Puran Singh Dabas was born on 10 July 1938 in Majra Dabas village in north Delhi. He retired from Delhi University in 2000 AD.

Dr. Dabas has earlier been a professor in Delhi University and Beijing University (China).

Honours and Awards

"Mahapandit Rahul Sankrityayan" awards to Dr. Puran Singh by President in President House on 19 April 2016

On 19 April 2016, he was awarded Mahapandit Rahul Sankrityayan Award by President Pranab Mukherjee, for outstanding contribution to research and tourism literature. [1]

Dr. Dabas is associated with many social, educational and religious institutions. He is also the founder member of Arya Samaj, Saket.

Dr. Dabas has also been honoured by Hindi Academy, Indraprastha Sahitya Academy (Delhi Human Care Charitable Trust), Earth Saviours foundation etc.

Contact details

Settled in Delhi, Address: M-93, Saket, New Delhi. Mob:9818211771[2]

महापण्डित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (भारत सरकार) की हिन्दी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गतगत 19 अप्रैल 2016 डॉ. पूर्ण सिंह डबास को “महापण्डित राहुल सांकृत्यायन” पुरस्कार से महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुर्खी द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें शोध तथा पर्यटन साहित्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। डॉ. डबास अनेक सामजिक, शैक्षिक तथा धार्मिक संस्थाओं से सम्बद्ध हैं। वे दक्षिणी दिल्ली की प्रमुख समाज सेवी संस्था आर्य समाज साकेत के संस्थापक सदस्य हैं तथा पिछले बीस वर्षो से उसके सर्वसम्मतिसे निवाचित प्रधान चले आ रहे हैं।

डॉ. डबास को दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी, इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती (दिल्ली ह्यूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट) प्राचीन भारतीय विद्या सभा (उड़ीसा) तथा अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन आदि अनेक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। ज्ञात हो डा. डबास दिल्ली विश्वविद्यालय तथा पीकिंग विश्वविद्यालय (चीन) में प्रोफेसर रहे हैं।

पगड़ी, पंचायत और गोत्र

पगड़ी, पंचायत और गोत्र - यह डॉ डबास द्वारा जाट समाज की व्यवस्थाओं पर लिखित पुस्तक का शीर्षक है। इसमें विषयानुकूल प्राचीनकाल से लेकर आधुनिक काल तक पगड़ी, पंचायत और गोत्रों की विकास यात्रा को दर्शाया है और इनके माध्यम से विभिन्न सामाजिक स्थितियों पर प्रकाश डालते हुये एक समाज शास्त्री की भूमिका का निर्वहन किया है। उत्कृष्ट कागज पर मुद्रित, आकर्षक आवरण से परिपूर्ण 136 पृष्ठीय पुस्तक का मूल्य 250 रुपये है। पुस्तक का प्रकाशन 'अरावली फाउंडेशन फॉर एज्यूकेशन, अरावली हाउस, 431/डी-22 छतरपुर हिल्स, नई दिल्ली-110074 है। [3]

References

  1. Dr. Puran Singh Dabas Awarded by President
  2. Jat Samaj:Agra, November 2013,p.35
  3. Jat Samaj, Agra, 7/2016,p.33

External Links


Back to The Academicians