Sarayu

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Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.)

Ganga River and tributaries

Sarayu (सरयू) is a river that flows through Uttarakhand and Uttar Pradesh. This river is of ancient significance, finding mentions in the Vedas, Ramayana, Mahabharata (VI.10.18).

Variants

  • Haroyu (हरोयु): or Haraiva [old Persian} or Areia {Greek} is the region comprising the valley of the river Harirud. Haroyu corresponds to Indian Sarayu (सरयू). The famous province and city Herat. This is famous for its fruits production with principal town Heart, a town of antiquity. [1]
  • Sarayu (सरयू) (AS, p.937)
  • Sarayu River/Sarayu river (सरयू)
  • Kaudiyali (कौड़ियाली) (AS, p.242)
  • Gharghara घर्घरा = Ghaghara घाघरा दे. Sarayu सरयू (AS, p.312)

Etymology

The name is the feminine derivative of the Sanskrit root सर् sar "to flow"; as a masculine stem, saráyu- means "air, wind", i.e. "that which is streaming".

Course

Bahraich District Map

The Sarayu forms at the confluence of the Karnali River (or Ghaghara) and Mahakali (or Sharda) in Bahraich District at 27°40′27″N 81°16′39″E. It flows into the Ganges at 25°44′36″N 84°40′01″E.

The Sarayu river of India forms at the confluence of the Karnali River (or Ghaghara) and Mahakali (or Sharda) in Bahraich District. The Mahakali or Sharda forms the western Indo-Nepal border. Ayodhya is situated on the banks of river Sarayu. Some mapmakers[2] consider the Sarayu to be just a section of the lower Ghaghara River.

Importance

On Ram Navami, the festival that celebrates the birthday of Lord Rama, thousands of people take a dip in the Sarayu River at Ayodhya.

In Rigveda: The river is mentioned three times in the Rigveda. The banks of the Sarayu are the location of the slaying of two Aryas at the hands of Indra in RV 4.30.18. It is listed together with western tributaries to the Indus: Rasā, Anitabha, Kubha, Krumu, and the Sindhu itself as obstacles crossed by the Maruts in RV 5.53.9. In this verse, Purisini appears as its epithet. At this stage of the earlier Rigveda, it apparently was a river west of the Indus system that corresponds to Iranian Harayu (Avestan acc. Harōiium, Old Persian Haraiva, modern Harē or Harī), the Hari River. It is invoked together with Sindhu and Sarasvati (two of the most prominent Rigvedic rivers) in the late hymn RV 10.64. There is no mention of the Ganga River in Rigveda[citation needed].

Rama along with Sita and Lakshmana crossing river Sarayu.

In Ramayana: According to the regional versions of the Ramayana written in different Indian languages, especially in Ram Charit Manas by Goswami Tulsi Das 1.5.6, the Sarayu flowed beside the ancient city of Ayodhya, which is in modern day Uttar Pradesh. It is a tributary of the Ghaghara. This Sarayu played a vital role in the city and life of Ayodhya, and according to the Ram Charit Manas, Rama, the seventh Avatar of Vishnu immersed himself in the river to return to his eternal Mahavishnu form, after he retired from the throne of Kosala. His brothers Bharata and Shatrughna also joined him, as did many devout followers. The Sarayu is also the river on whose banks King Rama was born.

According to a sub-story within the Ramayana, the banks of the River Sarayu is also the place where King Dashratha accidentally killed Shravan Kumar.

In ancient times Achiravati was one of the tributaries of the Sarayu.[3]

While the Sarayu river plays an important role in Rigveda and Atharvaveda along with Ramayana. Ayodhya, capital of King Rama is mentioned on the banks of Sarayu river. Sarayu river is mentioned in great details in Ramayana, Ayuthya, as locally called, is the ancient capital of Shyama Desha (Thailand) and king of Thailand is still revered decedent of King Rama of Ramayana. It is a tributary of the Ganges which meets two other rivers at the confluence (sangam) in Uttar Pradesh.

Linkage with Queen of ancient Korea, Heo Hwang-ok: Heo Hwang-ok was a princess of Ayodhya, who married king Suro of Geumgwan Gaya of Korea.[4] In 2008, her memorial was built by the Korean government on the west bank of Sarayu river, and Ayodhya was declared as sister city of Incheon.[5]

In Mahabharata

Sarayu (सरयू) (River) is mentioned in Mahabharata (2-9-26a), (III.82.63), (VI.10.18),


Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 9 mentions the Kings Oceans and the Rivers who attended Sabha of Varuna. Langali River लाङ्गली is mentioned in Mahabharata (2-9-26a). [6]....the Sarayu, the Varavatya, and that queen of rivers the Langali, the Karatoya, the Atreyi, the Lauhitya....


Vana Parva, Mahabharata/Book III Chapter 82 mentions names Pilgrims. Sarayu (सरयू) (River) is mentioned with reference to Gopratra (गॊप्रत्र) tirtha in Mahabharata (III.82.63). [7].... One should next proceed to the excellent Gopratra (गॊप्रत्र) (III.82.63) in the Sarayu, whence Rama, O king, with all his attendants and animals, renouncing his body, ascended to heaven in consequence of the efficacy of the tirtha alone. Bathing in that tirtha, O Bharata, one's soul, through Rama's grace, and by virtue of his own deeds, being cleansed of all sins, one becometh adored in heaven.


Bhisma Parva, Mahabharata/Book VI Chapter 10 describes geography and provinces of Bharatavarsha. Sarayu (सरयू) (River) is mentioned in Mahabharata (VI.10.18). [8]

कौड़ियाली नदी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[9] ने लेख किया है ...कौड़ियाली नदी (AS, p.242) सरयू नदी का एक अन्य नाम। कौड़ियाली नदी मानसरोवर से उद्भुत होती है; तिब्बत के पहाड़ों में इसे कौड़ियाली कहते हैं, मैदान में पहुँच कर इसका नाम सरयू नदी और अंत में घाघरा नदी हो जाता है।

सरयू

विजयेन्द्र कुमार माथुर[10] ने लेख किया है ...सरयू (AS, p.937) अयोध्या (उत्तर प्रदेश) के निकट बहने वाली प्रसिद्ध नदी है। रामायण काल में सरयू कोसल जनपद की प्रमुख नदी थी- ‘कोसलो नाम मुदितः स्फीतो जनपदों महान्, निविष्टः सरयूतीरे प्रभूतधनधान्यवान्। अयोध्या नाम नगरी तत्रासील्लोकविश्रुता मनुना मानवैनद्रेण या पुरी निर्मिता स्वयम्।’ (वाल्मीकि रामायण 5, 19) अयोध्या से कुछ दूर सरयू के तट पर घना जंगल स्थित था, जहां अयोध्या नरेश आखेट के लिए जाया करते थे। दशरथ ने इसी वन में आखेट के समय भूल से श्रवण कुमार का, जो सरयू से अपने अंधे माता-पिता के लिए जल लेने के लिए आया था, बध कर दिया था-‘तस्मिन्नति सुखकाले धनुष्मानिषुमान्रथी व्यायामकृतसंकल्पः सरयूमन्वगां नदीम्, निपाने महिषं रात्रौगजं बाभ्यागतंमृगम्, अन्यद् वा श्वापदं किंचिज्जिधांसुरजितेन्द्रिया’; ‘अपश्यभिषुणा तीरे सरयूबास्ता पसं हतम्, अवकीणंजटाभारं प्रविद्धिकलशोदकम्।' ( वाल्मीकि रामयण, अयोध्याकाण्ड 63, 20-21-36)

सरयू नदी का ऋग्वेद में उल्लेख है और यह कहा गया है कि 'यदु' और 'तुर्वससु' ने इसे पार किया था। (ऋग्वेद 4, 30, 18; 10, 64, 9; 5, 53, 9)

पाणिनि ने 'अष्टाध्यायी' [ 6,4,174] में सरयू का नामोल्लेख किया है। 'पद्मपुराण' के उत्तरखंड 35-38 में भी सरयू नदी का माहात्म्य वर्णित है। सरयू नदी अयोध्यावासियों की बड़ी

[p.938]: प्रिय नदी थी। कालिदास के रघुवंश में राम सरयू को जननी के समान ही पूज्य कहते हैं- ‘सेयं मदीया जननीव तेन मान्येन राज्ञा सरयूवियुक्ता, दूरे बसन्तं शिशिरानिलैर्मां तरंगहस्तैरूपगूहतीव।’ (रघुवंश 13, 63) सरयू के तट पर अनेक यज्ञों के रूपों का वर्णन कालिदास ने अपने महाकाव्य 'रघुवंश'[13, 63] में किया है- ‘जलानि या तीरनिखातयूपा बहत्ययोष्यामनुराजधानीम्’।

महाभारत, अनुशासनपर्व 155 में सरयू को मानसरोवर से निस्सृत माना गया है। 'अध्यात्म रामायण' में भी इसी तथ्य का निर्देश है- 'एषा भागीरथी गंगा दृश्यते लोकपावनी, एषा सा दृश्यते सीते सरयूर्यूपमालिनी। ( अध्यात्म रामायण, युद्धकांड 14, 13)

सरयू मानसरोवर से निकलती है, जिसका नाम 'ब्रह्मसर' भी है। कालिदास के निम्न वर्णन ('रघुवंश' 13, 60) से यह कथन सूचित होता है- 'पयोधरैः पुण्यजनांगनानां निर्विष्टहेमाम्बुजरेणु यस्याः ब्राह्मंसरः कारणमाप्तवाचो बुद्धेरिवाव्यक्तमुदाहरन्ति।' उपरोक्त उद्धरण से यह भी जान पड़ता है कि कालिदास के समय में परम्परागत रूप में इस तथ्य की जानकारी यद्यपि थी, तो भी सरयू के उद्गम को शायद ही किसी ने देखा था। इस भौगोलिक तथ्य का ज्ञान तुलसीदस को भी था, क्योंकि उन्होंने सरयू को 'मानसनन्दनी' कहा है। (रामचरितमानस, बालकांड)

सरयू मानसरोवर से पहले 'कौड़याली' नाम धारण करके बहती है; फिर इसका नाम सरयू और अंत में 'घाघरा' या 'घर्घरा' हो जाता है। सरयू छपरा (बिहार) के निकट गंगा में मिलती है। गंगा-सरयू संगम पर 'चेरान' नामक प्राचीन स्थान है। (इसके कुछ आगे पटना के ऊपर शोण, गंगा से मिलती है) कालिदास ने सरयू-जाह्नवी संगम को तीर्थ बताया है। यहां दशरथ के पिता अज ने वृद्धावस्था में प्राण त्याग दिए थे- 'तीर्थे तोयव्यतिकरभवे जह्नुकन्यारव्वो देंहत्यागादमराणनालेखयमासाद्य सद्यः।' (रघुवंश 8,95) सम्भवत: उपरोक्त तीर्थ 'चेरान' के निकट रहा होगा।

महाभारत, भीष्मपर्व 9, 19 मे सरयू का नामोल्लेख इस प्रकार है- 'रहस्यां शतकुभां च सरयूं च तथैव च, चर्मण्वतीं वेत्रवतीं हस्तिसोमां दिश्र तथा।' श्रीमद्भागवत 5, 19, 18 मे नदियों की सूची में भी सरयू परिगणित है- 'यमुना सरस्वती दृषद्वती गोमती सरयू।'

मिलिंदपन्हो नामक बौद्ध ग्रंथ में सरयू का 'सरभू' कहा गया है, जो पाठांतर मात्र है।

सरयू नदी

सरयू नदी उत्तर प्रदेश में अयोध्या के निकट बहने वाली भारत की प्राचीन नदियों में से एक है। 'घाघरा', 'सरजू' तथा 'शारदा' इस नदी के अन्य नाम हैं। यह हिमालय से निकलकर उत्तरी भारत के गंगा के मैदान में बहने वाली नदी है, जो बलिया और छपरा के बीच में गंगा में मिल जाती है। अपने ऊपरी भाग में, जहाँ इसे 'काली नदी' के नाम से जाना जाता है, यह काफ़ी दूरी तक भारत (उत्तराखण्ड राज्य) और नेपाल के बीच सीमा बनाती है।[11]

'रामचरितमानस' का उल्लेख-- 'अवधपुरी मम पुरी सुहावनि, दक्षिण दिश बह सरयू पावनी' ( रामचरित मानस). रामचरित मानस की इस चौपाई में सरयू नदी को अयोध्या की पहचान का प्रमुख चिह्न बताया गया है। राम की जन्म-भूमि अयोध्या उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के दाएँ तट पर स्थित है। अयोध्या हिन्दुओं के प्राचीन और सात पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। अयोध्या को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है।[12]

नदियों में ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सरयू नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। रामायण के अनुसार भगवान राम ने इसी नदी में जल समाधि ली थी। सरयू नदी का उद्‌गम उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले से हुआ है। बहराइच से निकलकर यह नदी गोंडा से होती हुई अयोध्या तक जाती है। पहले यह नदी गोंडा के 'परसपुर' तहसील में 'पसका' नामक तीर्थ स्थान पर घाघरा नदी से मिलती थी। पर अब यहां बांध बन जाने से यह नदी पसका से क़रीब 8 किलोमीटर आगे 'चंदापुर' नामक स्थान पर मिलती है। अयोध्या तक ये नदी सरयू के नाम से जानी जाती है, लेकिन उसके बाद यह नदी 'घाघरा' के नाम से जानी जाती है। सरयू नदी की कुल लंबाई लगभग 160 किलोमीटर है। हिंदुओं के पवित्र देवता भगवान श्री राम के जन्मस्थान अयोध्या से हो कर बहने के कारण हिंदू धर्म में इस नदी का विशेष महत्व है। सरयू नदी का वर्णन ऋग्वेद में भी मिलता है।[13]

सरयू नदी की प्रमुख सहायक नदी राप्ती है, जो इसमें उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले के 'बरहज' नामक स्थान पर मिलती है। इस क्षेत्र का प्रमुख नगर गोरखपुर इसी राप्ती नदी के तट पर स्थित है और राप्ती तंत्र की अन्य नदियाँ आमी, जाह्नवी इत्यादि हैं, जिनका जल अंततः सरयू में जाता है। बहराइच, सीतापुर, गोंडा, फैजाबाद, अयोध्या, राजेसुल्तानपुर, दोहरीघाट, बलिया आदि शहर इस नदी के तट पर स्थित हैं।[14]

External links

References

  1. परोपकारी, अप्रेल प्रथम 2019, s.n. 2, p.6
  2. "Plate 30: India, Plains : Nepal : Mt. Everest". The Times Atlas of the World (seventh ed.). Edinburgh: John Bartholomew & Sons, Ltd. and Times Books, Ltd. ISBN 978-0-8129-1298-2.
  3. Kapoor, Subodh. Encyclopaedia of Ancient Indian Geography. p. 5. Google books
  4. Il-yeon (tr. by Ha Tae-Hung & Grafton K. Mintz) (1972). Samguk Yusa. Seoul: Yonsei University Press. ISBN 89-7141-017-5.
  5. "Korea's royal connection to Ayodhya", Sanskriti Magazine, 15 Aug 2014.
  6. सरयूर्वारवत्याऽथ लाङ्गली च सरिद्वरा। (2-9-26a), करतोया तथाऽऽत्रेयी लौहित्यश्च महानदः।। (2-9-26b)
  7. गॊप्रतारं ततॊ गच्छेत सरय्वास तीर्थम उत्तमम, यत्र रामॊ गतः सवर्गं स भृत्यबलवाहनः (III.82.63)
  8. रदस्दां शतकुम्भां च सरयूं च नरेश्वर, चर्मण्वतीं वेत्रवतीं हस्तिसॊमां दिशं तदा (VI.10.18)
  9. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.242
  10. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.937-938
  11. भारतकोश-सरयू नदी
  12. भारतकोश-सरयू नदी
  13. भारतकोश-सरयू नदी
  14. भारतकोश-सरयू नदी

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