Venuvana

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Venuvana (वेणुवन) meaning “bamboo park” was a garden in Rajgir (Bihar) given to the Buddha by king Bimbasāra. Author (Laxman Burdak) visited Rajgir on 12.11.2010 and has provided content and images here.

Origin

Variants

History

Source: Wisdom Library: Maha Prajnaparamita Sastra

Veṇuvana (वेणुवन) or “bamboo park”, is one of the vihāras of Rājagṛha, according to the 2nd century Mahāprajñāpāramitāśāstra chapter V. Veṇuvana was given to the Buddha by king Bimbasāra. – When he stayed at Veṇuvana, the Buddha settled by preference at Kalandaka or Karadakanivāpa. According to some sources, this field was the property of a citizen of Rājagṛha called Kalandaka; he had made a gift of it to the heretics, but with the help of the yakṣas, he later recovered it and offered it to the Buddha.

The Veṇuvana was an ideal place of retreat for the monks, “neither too far nor too close to the city, good for coming and going, easy of access for those who wished to see the Buddha, not too busy during the day, sheltered from noise and shouting during the night, isolated and concealed from people, auspicious for meditation” (Vinaya, I, p. 39; Majjhima, III, p. 13). It was surrounded by a wall eighteen cubits high with a gate and towers (Samanata, III, p. 576; Suttanipāta Comm., II, p. 419).

वेणुवन = वेणुवनाराम

वेणुवन = वेणुवनाराम (AS, p.873): महावंश 5, 115 के अनुसार वेणुवन राजगृह (= राजगीर, बिहार) में वैभार पर्वत की तलहटी में नदी के दोनों ओर स्थित था। इसे मगध सम्राट बिंबसार ने गौतम बुद्ध को समर्पित कर दिया था। इसे 'महावंश' 15,16-17 में वेणुवनाराम कहा गया है। संभवतः बाँस के वृक्षो की अधिकता के कारण ही इसे वेणुवन कहा जाता था। 'बुद्धचरित' 16,49 के अनुसार "तब वेणुवन में 'तथागत' का आगमन सुनकर मगधराज अपने मंत्रिगणों के साथ उनसे [p.874]: मिलने के लिये आया।" [1]

वेणुवन परिचय

वेणुवन एक कृत्रिम जंगल है, जो बिहार के नालंदा ज़िले में अधिसूचित क्षेत्र राजगीर में स्थित है। यह बाँस का जंगल कभी राजकीय उद्यान हुआ करता था। महाराज अजातशत्रु ने ये विहार ख़ासतौर पर भगवान बुद्ध को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन कर लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है। पांच पहाड़ियों से घिरे राजगीर में असंख्य मंदिर हैं। राजगीर न केवल हिन्दू बल्कि बौद्ध और जैन मतावलंबियों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है।

गर्म जलकुंड के पास ही वेणुवन महाविहार स्थित है। ये बाँस का जंगल कभी राजकीय उद्यान था। कहा जाता है गौतम बुद्ध बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद पहली वर्षा ऋतु के चार महीने यहीं रुके थे। राजगीर के महाराज अजातशत्रु ने ये विहार बुद्ध को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है। अब वेणुवन के ही परिसर में एक नव वेणुवन विहार का निर्माण कराया गया है। यहां एक विशाल बुद्ध प्रतिमा भी लगी है। 24 अक्टूबर, 1981 को इस विहार का उदघाटन तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने किया था। यह जगह वर्तमान में पिकनिक और आनंद के लिए एक श्रेष्ठ स्थान है। इस स्थान की वर्षों से उपेक्षा की गई थी, इसलिए राज्य सरकार ने इसे बेहतर बनाने के लिए कई क़दम उठाए हैं। यहाँ पर एक तालाब और फव्वारा भी है। तालाब में काफ़ी संख्या में मछलियाँ हैं। लोग यहां आते हैं और उनके पिकनिक के एक भाग के रूप में इन मछलियों को कुछ न कुछ खिलाना भी शामिल है।

संदार्भ: भारतकोश-वेणुवन

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References