Adu Ram Nyol
लेखक:लक्ष्मण बुरड़क, IFS (Retd.), Jaipur |
Adu Ram Nyol is a social worker from village Satra in Churu district of Rajasthan. He Served in the field of Ayurved Chikitsa and played an important role in the Reservation in Jobs Movement for Jats in 1995-1996.
आदूराम न्योल का जीवन परिचय
आदूराम न्योल का जन्म चुरू जिले के गाँव सातडा में श्री रेखाराम जी न्योल की धर्म पत्नी श्रीमती धन्नी देवी की कोख से 15 मार्च 1953 को हुआ। आपकी प्राथमिक स्तर की पढाई गाँव सातडा में ही हुई। हायर सेकंडरी की पढाई राजकीय बागला उच्च माध्यमिक विद्यालय चुरू में हुई। आपकी रूचि चिकित्सा क्षेत्र में भी आयुर्वेद क्षेत्र में हुई। क्योंकि आपका परिवार का जुड़ाव साधु-संतों से अधिक रहा है।
आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में सेवा
सन 1973 में आपने आयुर्वेद विश्वभारती सरदारशहर में कम्पाउंडर का प्रशिक्षण लेने हेतु प्रवेश लिया तथा जून 1974 में यह प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया तथा 5 अगस्त 1975 को सर्वप्रथम बिग्गाबॉस रामसरा राजकीय आयुर्वेद औषधालय में कम्पाउंडर के रूप में नियुक्त हुए। वर्ष से 1984 तक वहां कार्य करने के बाद वर्ष में 1984 में आपका स्थानांतरण सातडा हुआ।
वर्ष 1982 में आप राजस्थान नर्सेज असोसिएसन चुरू की जिला इकाई में उपाध्यक्ष चुने गए। अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर वर्ष 1984 में जिलाध्यक्ष चुने गए। 2 अक्टूबर 1986 में आप राजस्थान नर्सेज असोसिएसन (प्रगतिशील) के प्रथम प्रदेशाध्यक्ष निर्विरोध चुने गए। तब से लेकर लगता 10 बार निर्विरोध चुने जाते रहे हैं। सितम्बर 2011 से अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष चुने गए। जाट कीर्ति संस्थान चुरू द्वारा दिनांक 27.11.2011 को भानीपुरा तहसील सरदारशहर में आयोजित बौधिक सम्मलेन में आपको सम्मानित किया गया था। आप 31 मार्च 2013 को सेवानिवृत हुए। श्री आदूरामजी न्योल, गाँव सातडा जिला चूरू , ने आयुर्वेदिक विभाग में 38 साल की सक्रीय, बेदाग़ और निस्वार्थ सेवा कर एक मील का पत्थर कायम किया है।
यदि गंभीरता पूर्वक सोचा जाय तो सेवानिवृत्ति शासकीय सेवा का अंत नहीं एक पडाव है, जहाँ शासकीय औपचारिकताओं के बंधन शिथिल हो जाते है, लेकिन जनसेवा , परोपकार तथा स्वयं को आगे लेजाने का विराट क्षेत्र खुल जाता है।
सामाजिक सेवा
सामाजिक सेवा - जाट समाज में सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक चेतना जागृत करने के लिए चुरू में एक जाट विकास संसथान का गठन किया गया था। इसमें आपको सहसचिव एवं प्रवक्ता नियुक्त किया गया। आपने जाट आरक्षण 1995 में सीकर, झुंझुनू से 11 फ़रवरी 1996 को चुरू में विशाल जाट सम्मलेन आयोजित किया गया था जिसमे आपने बढ़-चढ़कर भाग लिया था तथा समाचार जगत में रोजाना नए-नए शीर्षक से समाचार देने का बीड़ा आपने बड़े सफल ढंग से निभाया था। आप समाज के भले के लिए सभी कार्यक्रमों में अवश्य भाग लेते हैं।
जाट कीर्ति संसथान, चुरू द्वारा सम्मान
जाट कीर्ति संसथान, चुरू द्वारा आपके संघर्ष मय जीवन एवं शानदार उपलब्धियों के लिए 31 मार्च 2013 को प्रो. ब्रह्मराम चौधरी "अरविन्द" पूर्व प्राचार्य वेटरनरी कालेज बीकानेर के करकमलों से आपको सम्मान स्वरुप 'अभिनन्दन ग्रन्थ' भेंट कर समाज के लिए अनूठा उदहारण प्रस्तुत किया।
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