Amardeep Singh Ghanghas

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Amardeep Singh Ghanghas

Amardeep Singh Ghanghas (Grenadier) (05.04.1974 - 08.05.1999) is a Martyr of Kargil War from Haryana. He became martyr on 08.05.1999 during Operation Vijay in Kargil War. He was from village Bandh in Israna tahsil of Panipat district in Haryana.

ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह घणघस

"मैं वापिस जाने के लिए नहीं आया हूं..."

ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह घणघस

05-04-1974 - 08-05-1999

यूनिट - 16 ग्रेनेडियर्स

द्रास सेक्टर की लड़ाई

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह घणघस का जन्म 5 अप्रैल 1974 को हरियाणा के पानीपत जिले की इसराना तहसील के बांध गांव में चौधरी श्री प्रेम सिंह घणघस एवं श्रीमती बेदो देवी के परिवार में हुआ था। 12 वीं कक्षा पास कर 22 फरवरी 1995 को वह अंबाला से भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में भर्ती हुए थे।

वर्ष 1998 -1999 में 16 ग्रेनेडियर्स कारगिल के द्रास सेक्टर में तैनात थी। यूनिट के सैनिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा के साथ अग्रिम चौकियों पर तैनात थे। नियंत्रण रेखा पर कई बार बिना किसी चेतावनी के युद्धविराम का उल्लंघन होता रहता है। बटालियन क्षेत्र के दो छोरों पर कंपनी के दो पोस्ट पर तैनात थी। दोनों कंपनियों के बीच 20 किमी तक फैला खाली क्षेत्र था। पूर्व की ओर 10 किमी का एक और खाली क्षेत्र था जबकि पश्चिम में 50 किमी का खाली क्षेत्र था।

गर्मी के महीनों में किसी आतंकवाद विरोधी आकस्मिक घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए शेष दो कंपनियों को द्रास में रखा गया था। यूनिट के सैनिक नियमित रूप से घुसपैठ विरोधी अभियानों में लगे हुए थे क्योंकि इस क्षेत्र में सदैव सीमा पार से घुसपैठ का खतरा रहता है। मई 1999 की शुरुआत में, बटालिक-याल्दोर सेक्टर में दुश्मन की असामान्य गतिविधियां देखी गईं और इनके परिणामस्वरूप भारतीय सेना की इकाइयों ने अपने AOR (Area of Responsibility) क्षेत्र में आक्रामक गश्त आरंभ कर दी थी।

08 मई 1999 को ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह द्रास सेक्टर में ऐसे ही एक गश्ती दल के साथ गश्त पर थे। इस गश्ती दल को घुसपैठियों की उपस्थिति का पता लगाने का कार्य दिया गया था। जब यह टुकड़ी गश्त कर रही थी, तब इस क्षेत्र में पहले से घुसपैठ कर चुके दुश्मन सैनिकों ने इन पर हमला कर दिया। ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह और उनके साथियों ने जवाबी हमले के लिए मोर्चा संभाला और वहां भीषण मुठभेड़ आरंभ हो गई। आगामी गोलीबारी में ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह को पैर में गोली लग गई तो साथियों ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा, परंतु अमरदीप सिंह बोले "मैं वापस जाने के लिए नहीं आया हूं।" इस प्रकार दृढ़ निश्चय एवं वीरता से अंतिम सांस तक लड़ते हुए ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे।

ग्रेनेडियर अमरदीप सिंह घणघस एक वीर एवं प्रतिबद्ध सैनिक थे जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके बलिदान को देश युगों युगों तक स्मरण करेगा।

शहीद को सम्मान

गैलरी

स्रोत

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ


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