Bhagwan Singh Samota
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Bhagwan Singh Samota (born:1890) (श्री भगवानसिंह सामोता), was from village Jairampura, Sri Madhopur, Sikar, Rajasthan. He was social worker and Freedom fighter of Shekhawati farmers movement. [1]
जीवन परिचय
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....श्री भगवानसिंह जी - [पृ.462]: आप जयपुर स्टेट में जयरामपुरा ग्राम के रहने वाले हैं। आपके पिता का नाम बालूराम जी था। वे बड़े नेक आदमी थे। आप का गोत्र सामोता है। यह चार भाई थे। इनका घराना शुरू से ही जोरदार रहा है। एक न एक बड़ा आदमी होता आया है। श्री भगवान सिंह जी के दो लड़के हैं। छोटे लड़के का नाम रतनसिंह है। यह बहुत ही योग्य और होनहार युवक हैं। श्री चौधरी भगवान सिंह जी जन्म के नेता हैं जब से
[पृ.463]: इन्होंने सूरत संभाली है तभी से इन्होंने जातीय कार्य में भाग लेना शुरू कर दिया था। जाति के बहुत से अच्छे अच्छे कार्यों का इन्होंने नेतृत्व किया है। इनकी जितनी प्रशंसा की जाए थोड़ी है। सब तरह इनकी निगाह लगी रहती है। समाज सुधार, राजनीति कार्य, शिक्षा का प्रचार सभी कार्यों में इनकी टांग अड़ी रहती है। इनहोने घर का सब काम त्याग रखा है। घरेलू स्थिति कुछ कमजोर है। एक लड़का कास्त करता है। उसी पर सारा दारोमदार है। रतन सिंह अब तक पढ़ता रहा है। पढ़ाई करने के बाद वह भी राजनीतिक कार्य में प्रविष्ट है। आमदनी कम है। पैसे की तरफ आप लोगों का विशेष ध्यान भी नहीं है। आप की अवस्था इस समय करीबन 57 वर्ष की है। आशा की जाती है कि इनका भविष्य भी जातीय कामों में ही लगता रहेगा। इनके चार पोते हैं जिनमें दो पढ़ रहे हैं बाकी दो बालक हैं।
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.462-463
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.462-463
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