Chandigarh
Chandigarh (चंडीगढ़) is a modern well planned city of India. Chandigarh is the capital of Haryana, Punjab and Union Territory Chandigarh since 1966.
Location
Chandigarh is bordered by the state of Punjab to the north, the west and the south, and by the state of Haryana to the east. It is considered to be a part of the Chandigarh Capital Region or Greater Chandigarh, which includes Chandigarh, and the city of Panchkula (in Haryana) and cities of Kharar, New Chandigarh, Mohali and Zirakpur (in Punjab). It is located 260 km north of New Delhi, 110 km south west of Shimla and 229 km southeast of Amritsar.
Etymology
The name Chandigarh is a compound of Chandi and Garh. Chandi refers to the Hindu goddess Chandi and Garh means fortress.[1] The name is derived from Chandi Mandir, an ancient temple devoted to the Hindu Goddess Chandi (Parvati) near the city in Panchkula District.[2]
History
Chandigarh was commissioned by Jawaharlal Nehru, the first prime minister of independent India, to reflect the new nation’s modern, progressive outlook. The new city was needed not only to serve as a capital but also to resettle thousands of refugees who had been uprooted from West Punjab. India's first Prime Minister, Jawaharlal Nehru enthusiastically supported the project and look sustained interest in its execution. [3]
Several buildings in Chandigarh were designed by the French architect and planner, Le Corbusier in the 1950s. Le Corbusier was in fact the second architect of the city, after the initial master plan was prepared by the American architect-planner Albert Mayer who was working with the Polish-born architect Matthew Nowicki. It was only after Nowicki’s untimely death in 1950 that Le Corbusier was pulled into the project. [4]
Tourism
Chandigarh has convenient location, it serves as sort of a gateway to the hill stations of Himachal Pradesh. People travel to Chandigarh to approach northwards to places like Shimla, Kullu, Manali, Dharamsala and Dalhousie. However, Chandigarh, the city itself is also a lure to the tourists by virtue of its geometrically shaped residential areas complimented by landscaped gardens, tree lined avenues - all converging to an outstanding balance in blending of modern and traditional architecture in the city. Apart from that the beautiful Sukhna Lake, the exquisite rose garden - Zakir Gulab Bag, the fascinating Rock Garden, the sacred temple of the Goddess Chandi are truly worth a travel to Chandigarh. [5]
Well planned city
Chandigarh is one of the early planned cities in post-independence India and is internationally known for its architecture and urban design.[6] The master plan of the city was prepared by Swiss-French architect Le Corbusier, which transformed from earlier plans created by the Polish architect Maciej Nowicki and the American planner Albert Mayer. Most of the government buildings and housing in the city were designed by the Chandigarh Capital Project Team headed by Le Corbusier, Jane Drew and Maxwell Fry. In 2015, an article published by BBC named Chandigarh as one of the few master-planned cities in the world to have succeeded in terms of combining monumental architecture, cultural growth, and modernisation.[7]
Chandigarh's Capitol Complex was in July 2016 declared by UNESCO as World Heritage at the 40th session of World Heritage Conference held in Istanbul. UNESCO inscription was under "The Architectural Work of Le Corbusier an outstanding contribution to the Modern Movement". The Capitol Complex buildings include the Punjab and Haryana High Court, Punjab and Haryana Secretariat and Punjab and Haryana Assembly along with monuments Open hand, Martyrs Memorial, Geometric Hill and Tower of Shadow and the Rock Garden.
Wildlife and biodiversity
Most of Chandigarh is covered by dense banyan, and eucalyptus plantations. Ashoka, cassia, mulberry and other trees flourish in the forested ecosystem. The city has forests surrounding that sustain many animal and plant species. Deer, sambars, barking deer, parrots, woodpeckers, and peacocks inhabit the protected forests. Sukhna Lake hosts a variety of ducks and geese, and attracts migratory birds from parts of Siberia and Japan in the winter season. The Parrot Bird Sanctuary Chandigarh provides a home to a large number of parrots. Sukhna Wildlife Sanctuary was declared a wildlife sanctuary in 1998.
Sukhna Lake
Sukhna Lake in Chandigarh, India, is a reservoir at the foothills (Shivalik hills) of the Himalayas. This 3 km² rainfed lake was created in 1958 by damming the Sukhna Choe, a seasonal stream coming down from the Shivalik Hills. Originally, the seasonal flow entered the lake directly causing heavy siltation. To check the inflow of silt, 25.42 km² of land was acquired in the catchment area and put under vegetation. In 1974, the Choe was diverted and made to bypass the lake completely, the lake being fed by three siltation pots, minimising the entry of silt into the lake itself.[8]
The lake was created by Le Corbusier and the Chief Engineer P L Verma. To preserve its tranquility, Corbusier insisted on two things: that it be forbidden for motor boats to circulate in the water, and for vehicular traffic to be prohibited on top of the dam (promenade). The lake is fringed by a golf course to the south, and Nek Chand's famous Rock Garden of Chandigarh to its west.
चण्डीगढ़
चण्डीगढ़ भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी चण्डी (पार्वती) के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं। इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था।
प्रथम योजनाबद्ध शहर: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है। चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है।
इतिहास: ब्रिटिश भारत के विभाजन उपरांत 1947 में पंजाब राज्य को भारत और पाकिस्तान में दो भागों में बाँट दिया गया था। इसके साथ ही राज्य की पुरानी राजधानी लाहौर पाकिस्तान के भाग में चली गयी थी। अब भारतीय पंजाब को एक नई राजधानी की आवश्यकता पड़ी। पूर्व स्थित शहरों को राजधानी बदलने में आने वाली बहुत सी कठिनाईयों के फलस्वरूप एक नये योजनाबद्ध राजधानी शहर की स्थापना का निश्चय किया गया तथा 1952 में इस शहर की नींव रखी गई। उस समय में भारत में चल रही बहुत सी नवीन शहर योजनाओं में चंडीगढ़ को प्राथमिकता मिली जिसका मुख्य कारण एक तो नगर की स्थिति और दूसरा कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु तथा राज्यपाल सर सी पी एन (चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह) का निजी रुचि का होना था । राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए उन्होंने शहर को अतीत की परंपराओं से उन्मुक्त, राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया। शहर के बहुत से खाके व इमारतों की वास्तु रचना फ्रांस में जन्में स्विस वास्तुकार व नगर-नियोजक ली कार्बुज़िए ने 1950 के दशक में की थी। कार्बुज़िए भी असल में शहर के द्वितीय वास्तुकार थे, जिसका मूल मास्टर प्लान अमरीकी वास्तुकार-नियोजक अल्बर्ट मेयर ने तब बनाया था, जब वे पोलैंड में जन्मे वास्तुकार मैथ्यु नोविकी के संग कार्यरत थे। 1950 में नोविकी की असामयिक मृत्यु के चलते कार्बूजियर को परियोजना में स्थान मिला था।
पर्यटन: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ भारत के सबसे खूबसूरत और नियोजित शहरों में एक है। इस केन्द्र शासित प्रदेश को प्रसिद्ध फ़्रांसीसी वास्तुकार ली कोर्बूजियर ने अभिकल्पित किया था। इस शहर का नाम एक दूसरे के निकट स्थित चंडी मंदिर और गढ़ किले के कारण पड़ा जिसे चंडीगढ़ के नाम से जाना जाता है। शहर में बड़ी संख्या में पार्क हैं जिनमें लेसर वैली, राजेन्द्र पार्क, बॉटोनिकल गार्डन, स्मृति उपवन, तोपियारी उपवन, टेरस्ड गार्डन और शांति कुंज प्रमुख हैं। चंडीगढ़ में ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी, प्राचीन कला केन्द्र और कल्चरल कॉम्प्लेक्स को भी देखा जा सकता है।
कैपिटल कॉम्प्लैक्स: यहाँ हरियाणा और पंजाब के अनेक प्रशासनिक भवन हैं। विधानसभा, उच्च न्यायालय और सचिवालय आदि इमारतें यहाँ देखी जा सकती हैं। यह कॉम्प्लेक्स समकालीन वास्तुशिल्प का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहाँ का ओपन हैंड स्मारक कला का उत्तम नमूना है।
रॉक गार्डन: चंडीगढ़ आने वाले पर्यटक रॉक गार्डन आना नहीं भूलते। इस गार्डन का निर्माण नेकचंद ने किया था। इसे बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। गार्डन में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां होती रहती हैं।
रोज़ गार्डन: जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन के नाम से विख्यात यह गार्डन एशिया का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन है। यहाँ गुलाब की 1600 से भी अधिक किस्में देखी जा सकती हैं। गार्डन को बहुत खूबसूरती से डिजाइन किया गया है। अनेक प्रकार के रंगीन फव्वारे इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। हर साल यहाँ गुलाब पर्व आयोजित होता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों का यहाँ आना होता है।
संग्रहालय: चंडीगढ़ में अनेक संग्रहालय हैं। यहाँ के सरकारी संग्रहालय और कला दीर्घा में गांधार शैली की अनेक मूर्तियों का संग्रह देखा जा सकता है। यह मूर्तियां बौद्ध काल से संबंधित हैं। संग्रहालय में अनेक लघु चित्रों और प्रागैतिहासिक कालीन जीवाश्म को भी रखा गया है। अन्तर्राष्ट्रीय डॉल्स म्युजियम में दुनिया भर की गुडियाओं और कठपुतियों को रखा गया है।
सुखना वन्यजीव अभयारण्य: लगभग 2600 हेक्टेयर में फैले इस अभयारण्य में बड़ी संख्या में वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। मूलरूप से यहाँ पाए जाने वाले जानवरों में बंदर, खरगोश, गिलहरी, साही, सांभर, भेड़िए, जंगली शूकर, जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं। इसके अलावा सरीसृपों की अनेक प्रजातियों भी यहाँ देखी जा सकती हैं। अभयारण्य में पक्षियों की विविध प्रजातियों को भी देखा जा सकता है।
सुखना झील चण्डीगढ़ : सुखना झील भारत के चण्डीगढ़ नगर में हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित एक सरोवर है। यह मानव निर्मित झील 1958 में 3 किमी² क्षेत्र में बरसाती झील सुखना खाड (चोअ) को बाँध कर बनाई गई थी। पहले इसमें सीधा बरसाती पानी गिरता था और इस कारण बहुत सी गार इसमें जमा हो जाती थी। इसको रोकने के लिए 25.42 किमी² ज़मीन ग्रहण करके उसमे जंगल लगाया गया। 1974 में इसमें चोअ के पानी को दूसरी तरफ मोड़ दिया गया और झील में साफ़ पानी भरने का प्रबंध कर लिया गया। अनेक प्रवासी पक्षियों को यहाँ देखा जा सकता है। झील में बोटिंग का आनंद लेते समय दूर-दूर फैले पहाड़ियों के सुंदर नजारों के साथ-साथ सूर्यास्त के नजारे भी यहाँ से बड़े मनमोहक दिखाई देते हैं।
Jat gotras
Population
Notable persons
- Kapil Dev - former Indian cricketer and captain of Indian national cricket team from Chandigarh.
- Rajiv Sandhu(Second Lt) (12.11.1966 - 19.07.1988) became martyr during Operation Pawan in Srilanka on 19.07.1988. He was from Chandigarh, [Punjab]]. He was in Unit: 19 Madras batallion. He was awarded Mahavir Chakra for his act of bravery.
- Padam Shree Moti Singh Rana- Founding Family, Chandigarh.
- Surendra Pal Singh Sheoran - IRS, Chandigarh
- Justice Ajai Lamba, Sitting judge of Hon'ble Punjab & Haryana High Court at Chandigarh
- Ashok Sangwan - HCS, Chandigarh.
- Ishwar Singh Sheokand - DEPUTY DIRECTOR (EDUCATION) CHANDIGARH
- Devendra Singh - IAS Chandigarh
- Anil Malik - IAS Chandigarh
- Yudhvir Singh Malik - IAS Chandigarh
- Gulab Singh Sarot - IAS Chandigarh
- Dr. Kartar Singh Siwach - HOD Gastroenterology, PGIMER, Chandigarh
- Ajeetesh Sandhu
- A.S. Lehal - He is the famous Golf Player of India. He is living in Chandigarh.
- Dr. Rajesh Gulia - Urologist
- Dr. Virendra Dhankhar - Andrologist and Urologist
- Late. Ch. Daya Ram (Kodan) - Undersecretary (Secretariat) and a Philanthropist, Chandigarh.
- B L Saharan - Retired as Director Fisheries of Haryan State. Now based at Chandigarh.
External links
Gallery
-
Assembly building, Chandigarh, India
-
Rock Garden, Chandigarh
-
Rock Garden, Chandigarh
References
- ↑ "CII". cii.in
- ↑ Chandigarh State Information
- ↑ Chandigarh State Information
- ↑ Chandigarh State Information
- ↑ Chandigarh State Information
- ↑ "Business Portal of India : Investment Opportunities and Incentives : State Level Investment : Chandigarh". business.gov.in.
- ↑ "Is this the perfect city?". www.bbc.com.
- ↑ Yadvinder Singh (2002). "Siltation Problems in Sukhna Lake in Chandigarh, NW India and Comments on Geohydrological Changes in the Yamuna-Satluj Region". ENVIS Bulletin. Department of Geography, Punjabi University, Patiala. 10 (2).
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