Charkhari
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Charkhari (चरखारी) is a town in Mahoba district of Uttar Pradesh state, India.
Location
Charkhari is located at 25.4°N 79.75°E. It has an average elevation of 184 metres. Charkhari is also known as the 'Kashmir of Bundelkhand'. The town is surrounded by many lakes.[1]
Variants
History
Charkhari State was one of the Princely states of India during the period of the British Raj. The state was founded in 1765 by Bijai Bahadur, a Rajput of Bundela clan. On India’s independence, this Princely state was acceded to India.[2]
Col. G. B. Malleson[3] writes that Chirkari, Raja of. This was a portion of the country over which, by the treaty of Bassein, 1803, the Peshwa ceded to the British his sovereign claims. The ruler of it was then Raja Bikramajit, a direct descendant from Chattar Sal, who, not however without some repugnance, subscribed to terms of allegiance to the British in 1804.
चरखारी
विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...चरखारी (AS, p.328) हमीरपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश में स्थित अंग्रेज़ राज्य के समय में बुंदेलखंड की एक रियासत थी। महाराजा छत्रसाल के पुत्र राजा जगतराज ने अपने तीसरे पुत्र कुमार कीरतसिंह को अपनी जेतपुर की रियासत का उत्तराधिकारी बनाया था, किंतु इसकी मृत्यृ अपने पिता के जीवन काल में ही हो गई। जगतराज की मृत्यु के पश्चात् 1759 ई. में कीरतसिंह के पुत्र गुमानसिंह ने राजगद्दी को प्राप्त करना चाहा, लेकिन उसके चाचा पहाड़सिंह ने इसका विरोध किया। फलस्वरूप गुमानसिंह और उसका भाई खुमानसिंह भागकर चरखारी पहुँचे और वहाँ के क़िले में रहने लगे। इसके पीछे 1764 ई. में पहाड़सिंह ने खुमानसिंह को चरखारी का प्रदेश दे दिया और इस प्रकार इस रियासत की नींव पड़ी।