Dvayksha
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Dvayksha (द्वयक्ष) was a Kingdom known to Panini and mentioned in Mahabharata. It has been identified with Badakhshan in Afghanistan. [1]
Origin
Variants
History
It is likely that Dvayksha is the sanskrit name for Darkhan. Darkhan (Mongolian: Дархан) is a craftsman or an honorary privilege in the Mongolian language. It also refers to a common Mongolian place name. Darkhan (Mongolian: Дархан, "blacksmith") is the second largest city in Mongolia and the capital of Darkhan-Uul Aimag (Darkhan-Uul Province).
द्वय्क्ष
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...द्वय्क्ष (AS, p.461) महाभारतकालीन एक प्रदेश था। महाभारत के उपायन अनुपर्व में युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में नाना प्रकार के उपहार लाने वाले विदेशियों में 'द्वय्क्ष' तथा 'त्र्यक्ष' नाम के लोग भी हैं- 'द्वय्क्षांस्त्र्क्षाल्ललाटाक्षान् नानादिग्भ्य: समागतान्, औष्णीकान त्तवासांश्च रोमकान् पुरुषादकान्'। उपर्युक्त प्रसंगानुसार द्वय्क्ष भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा के परवर्ती प्रदेशों में रहने वाले लोग जान पड़ते हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि द्वय्क्ष बदख्शाँ का और त्र्यक्ष तरखान का प्राचीन भारतीय नाम है। ये प्रदेश आजकल अफ़ग़ानिस्तान तथा दक्षिणी रूस में हैं। इन्हें उपर्युक्त उल्लेख में संभवत: औष्णीष या पगड़ी धारण करने वाला कहा गया है। ललाटाक्ष संभवत: लद्दाख का नाम है। (दे. त्र्यक्ष, ललाटाक्ष)
In Mahabharata
Dvayksha (द्वयक्ष) in Mahabharata (II.47.15)
Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 47 mentions the Kings who brought tributes to Yudhishthira. Dvayksha (द्वयक्ष) is mentioned in Mahabharata (II.47.15) [3]
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.419, 461
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.461
- ↑ द्वयक्षांस त्र्यक्षाँल ललाटाक्षान नानादिग्भ्य: समागतान्, औष्णीषान अनिवासांश च बाहुकान पुरुषादकान (II.47.15)
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