Keshini

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Keshini (केशिनी) is a river near Ayodhya mentioned in Ramayana located probably in the Kosalajanapada. Keshini was wife of Ajamidha mentioned in Mahabharata.

Variants

Origin

History

केशिनी

  • केशिनी - चन्द्रवंशी राजा अजमीढ़ की रानी थी।
  • केशिनी अप्सरा - दक्षकन्या प्राधा से उत्पन्न एक अप्सरा थी।
  • केशिनी (दमयंती की दासी) - पुराणों के उल्लेखानुसार दमयन्ती की दासी थी।
  • केशिनी देवी - पार्वती की अनुगामिनी एक देवी का नाम था।
  • केशिनी सुंदरी - प्राचीन समय की एक सुन्दरी का नाम था।
  • केशिनी नदी - अयोध्या के निकट एक नदी।

केशिनी नदी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...केशिनी नदी (AS, p.225) का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। इसी नदी को अयोध्या के निकट प्रवाहित बताया गया है- 'तत्र तां रजनीमुष्यकेशिन्यां रघुनंदन:, प्रभाते पुनरुत्थाय लक्ष्मण: प्रययौ तदा। ततोऽर्ध दिवसे प्राप्ते प्रविवेश महारथ:, अयोध्यां रत्नसंपूर्णा हष्टपुष्टजनावृताम्’ (वाल्मीकि रामायण, उत्तर. 52, 1-2.)

केशपुत्र

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...केशपुत्र = केसपुत्र (AS, p.225): बुद्ध काल में कालामवंशीयों की राजधानी थी। 'अराड़' नामक बुद्ध का समकालीन दार्शनिक इन्हीं से संबंधित था- 'स कालामसगोत्रेणतेनालोक्यैव दूरत:, उच्चै: स्वागतमित्युक्त: समीपमुपजग्मिवान्' (बुद्ध चरित- 12, 2.)

अराड़ के पास गौतम बुद्ध ‘जरामरण रोग’ का उपचार जानने के लिए गए थे। (बुद्ध चरित 12, 14.) केशपुत्र नगर संभवत: 'बुद्धचरित' बुद्धचरित 12, 1 (‘अराडस्याश्रमं भेजे वपुषा पूरयन्निव’) में वर्णित आश्रम के निकट ही रहा होगा। संभवत: यह स्थान गोमती नदी के तट पर कोसल जनपद (उत्तर प्रदेश) में स्थित था। 'शतपथ ब्राह्मण' (वैदिक इंडेक्स 1, पृ. 186) तथा पाणिनि 6, 4, 165 में उल्लिखित 'केशीलोग' शायद इसी स्थान के निवासी थे। 'अंगुत्तरनिकाय' 1, 188. के अनुसार 'केशपुत्त' की स्थिति कोसल जनपद में थी। वाल्मीकि रामायण उत्तर. 52, 1-2 में उल्लिखित केशिनी नदी संभवत: इसी जनपद की नदी थी।

In Mahabharata

Keshini (केशिनी) in Mahabharata (I.89.28)

Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 89 gives History of Puru and Pandavas (Aila dynasty). Keshini (केशिनी) is mentioned in Mahabharata (I.89.28).[3]....Ajamidha, was the perpetuator of the royal line. And he begat six sons,-- Riksha was born of the womb of Dhumini, Dushmanta and Parameshthin, of Nili, and Jahnu, Jana and Rupina were born in that of Kesini.....

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.225
  2. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.225
  3. ऋक्षं भूमिन्य अथॊ नीली दुःषन्त परमेष्ठिनौ, केशिन्य अजनयज जह्नुम उभौ च जनरूपिणौ (I.89.28)

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