Khiror

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Location of Khiror in Jhunjhunu district

Khiror (खिरोड़) (Khirod) is a village in Nawalgarh tehsil of Jhunjhunu district in Rajasthan.

Jat Gotras in the village

History

खिरोड़ गाँव में भौमियों का बर्बर अत्याचार

खिरोड़ गाँव में भौमियों का बर्बर अत्याचार - अक्टूबर 1945 में खिरोड़ गाँव में भौमियों ने बर्बर अत्याचार किये. किसानों ने लगान के रूप में आधा बांटा भौमिया लेना चाहते थे. किसान देने को तैयार नहीं थे. इस पर 15 गाँवों के करीब 500 भूमियों ने सशस्त्र खिरोड़ पर हमला बोला. सैंकड़ों किसान भी लाठियां, जेलियाँ व गंडासियां लेकर आ गए और भौमियों को ललकारा. किसानों और भौमियों में जमकर लड़ाई हुई. भौमियों की बंदूकों से नोपा राम, पेमा राम, नानग राम की घटना स्थल पर मौत हो गयी और लिखमा राम की जयपुर अस्पताल में जाकर मौत हुई. 28 व्यक्ति घायल हुए जिनमें 10 स्त्रियाँ भी थीं. (डॉ पेमा राम,p. 203)


रामेश्वरसिंह[1] ने लेख किया है.... खीरोड में भी ऐसी घटना हुई। लगान का झगड़ा हर साल होता था। जागीरदार खड़ी फसल बिना लगान दिए काटने नहीं देता था। लगान के बदले खड़ी फसल बरबाद होती रहती थी। यह किसानों को बर्दाश्त नहीं था। खीरोड के किसानों ने संगठित होकर जागीरदारों के इस अधिकार का प्रतिरोध किया। उन्होंने उनके हुक्म की कोई परवाह नहीं कर अपनी मेहनत से तैयार की गई फसल की कटाई करने लगे। उधर जागीरदार भी इकठ्ठे होकर आये और उन्होंने किसानों पर हमला कर दिया। किसानों ने इसका भरपूर प्रतिकार किया और कई लोग घायल हो गये।

Population

As per Census-2011 statistics, Khiror village has the total population of 8128 (of which 4108 are males while 4020 are females).[2]

Notable persons

  • गोपाल राम खिरोड़- 15 जून 1946 को झुंझुनू में किसान कार्यकर्ताओं की एक बैठक चौधरी घासी राम ने बुलाई. शेखावाटी के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया. अध्यक्षता विद्याधर कुलहरी ने की. इसमें यह उभर कर आया कि भविष्य में समाजवादी विचारधारा को अपनाया जाये. जिन व्यक्तियों ने किसान सभा का अनुमोदन किया उनमें आप भी सम्मिलित थे. (राजेन्द्र कसवा, p. 201-03).
  • जीवन राम खिरोड़ - 15 जून 1946 को झुंझुनू में किसान कार्यकर्ताओं की एक बैठक चौधरी घासी राम ने बुलाई. शेखावाटी के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया. अध्यक्षता विद्याधर कुलहरी ने की. इसमें यह उभर कर आया कि भविष्य में समाजवादी विचारधारा को अपनाया जाये. जिन व्यक्तियों ने किसान सभा का अनुमोदन किया उनमें आप भी सम्मिलित थे. (राजेन्द्र कसवा, p. 201-03).

External links

References


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