Malsi Mali
Malsi Mali (मलसी माली) founded village Malisar (मालीसर), an ancient village in tahsil .... district Sikar in Rajasthan, in VS 1194 (=1137 AD.). He has been also mentioned as Malangsi (मालंगसी) in Badwa records.
Variants
- Malangsi (मालंगसी)
मलसी माली की वंशावली
लाखनसी → खींवसी → जिन्द्रपाल → मानकराव → मालंगसी/मलसी माली (1135 ई. में सांभर छोड़ा और 1137 ई. में मालीसर) (मलसी की पत्नि:सुंदर पूनिया पुत्री जोधराज पूनिया, चन्द्रा की पोती ) → धरमा (1221 ) (पत्नि:हेमी गोदारा, पुत्री मेहा गोदारा/हिदु की पोती, ) → जैतपाल (1272, 1281) (पत्नि: रायमल भावरीया, की पुत्री सायर) (भाई: करमसी, बहिन: राजां, जोरां) → उदय (1286) (पत्नि: सुलखा हरचतवाल की बेटी सिणगारी) (भाई रतन, जीवराज, बहिन सरस्वती) (उदयसी, रतनसी, जीवराज मालीसर छोड़ पलसाना बसे- 1295) → धनराज (बहिन गणी) → → → कई पीढ़ियाँ → घासीराम माली (पलसाना छोड़कर कासली बसा 1456) → → → कई पीढ़ियाँ → धर्मा (खडता व धर्मा ने कासली छोड़ गांव पूरां बसाया (28 अप्रैल 1675 ई.) → पांचू (1723) (भाई बीजा, लौहट) → → → कई पीढ़ियाँ → दीपा माली → पीथा माली (पुरां छोड़ रुल्याणा माली बसा 22.04.1784, मृत्यु:24.08.1828) (पहली पत्नी पेमारम की बेटी फूलां, दूसरी पत्नी सेवा की किसानी) → बालू, डूँगा, रामू, रूपा, उदा
History
Monuments
इतिहास
बड़वा भइयों में वर्णित है- राजा लाखनसी जी का बेटा खींवसी जी का बेटा जिन्द्रपाल जी का बेटा मानकराव जी का बेटा मालंगसी से माली जाट गोत्र को प्रसिद्धि मिली। विक्रम संवत 1192 की साल गढ़ सांभर थान छोड़ मालीसर बसाया विक्रम संवत 1194 (=1137 ई.) की साल। [1]
विक्रम संवत 1192 (=1135 ई.) में सांभर से प्रस्थान के बाद मलसी ने मालीसर गांव बसाया- वैशाख सुदी आखा तीज के दिन विक्रम संवत 1194 साल (=1137 ई.)। जहां मलसी ने पनघट का कुआं खुदवाया, जोहड़ खुदवाया, सवा सौ बीघा पड़तल भूमि छोड़ी तथा महादेव जी की छतरी करवाई। [2]
मलसी माली (1135 ई.) (पत्नि:सुंदर पूनिया पुत्री जोधराज पूनिया, चन्द्रा की पोती ) → धरमा (पत्नि:हेमी गोदारा, पुत्री मेहा गोदारा/हिदु की पोती) → जैतपाल (पत्नि: रायमल भावरीया, की पुत्री सायर) (भाई: करमसी, बहिन: राजां, जोरां) → उदय (पत्नि: सुलखा हरचतवाल की बेटी सिणगारी) (भाई रतन, जीवराज, बहिन सरस्वती) → धनराज (बहिन गणी) [3]
धरमा माली ने बेटी राजा व जोरां का विवाह किया- वैशाख सुदी तीज विक्रम संवत 1278 (=1221 ई.) विवाह में 21 गायें दहेज में दी। विक्रम संवत 1329 (=1272 ई.) में मालीसर गांव में धर्मा की याद में करमसी व जैतपाल ने ₹900 में पानी की 'पीय' कराई तथा विक्रम संवत 1338 (=1281 ई.) में मालीसर गांव में दान किया। विक्रम संवत 1342 (=1286 ई.) में मालीसर गांव में चौधरी उदय ने दान कार्य किया। (करमसी की पत्नि महासी निठारवाल की बेटी हरकू थी- वंश विराम)[4]
चौधरी उदयसी, रतनसी, जीवराज गांव मालीसर छोड़ पलसाना बसे- वैशाख सुदी 7 विक्रम संवत 1352 (=1295 ई.) (शनिवार) के दिन सवा पहर दिन चढ़ते समय छड़ी रोपी। [5]
विक्रम संवत 1513 (=1456 ई.) में चौधरी घासीराम माली पलसाना छोड़कर कासली बसा। [6]
वैशाख सुदी आखातीज विक्रम संवत 1732 की साल (28 अप्रैल 1675 ई.) में चौधरी खडता व धर्मा ने कासली छोड़ गांव पूरां बसाया। [7]
विक्रम संवत 1746 (1689 ई.) की साल धर्मा ने पुरां में धर्माणा जोहड़ा खुदवाया। कार्तिक सुदी सात विक्रम संवत 1754 (=1697 ई.) में चौधरी पांचू, बीजा, लौहट ने पिता धर्मा का मौसर किया। वह गंगाजी घाल गंगोज कराया। विक्रम संवत 1780 (=1723 ई.) की साल चौधरी पांचू/बाछू ने दान कार्य किया। [8]
See also
External links
Back to The Rulers
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.58
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56