Malasi
Malasi (मालासी) is a medium-size village in Sujangarh tahsil in Churu district in Rajasthan.
Location
Malasi is located 10 km north of Salasar Balaji near the border of Sikar District.
Origin
The Founders
Malasi Village was founded by Mala Ram Dahiya in 1425 AD. It is famous for Riktya Bhaironji temple.
History
Jat Gotras
Population
According to Census-2011 information: With total 274 families residing, Malasi village has the population of 1480 (of which 719 are males while 761 are females).[1]
Religious place
This place is famous as a religious place where the first shorn hair of new born baby (called jadula in Rajasthani) are offered to a deity known as rigtiya (रिग्तिया). This deity is established on an ancient well in the village.
Malasi village has also a Bhaironji temple, where hundreds of devotees gather for prayers and animal sacrifices annually.[2]
रिक्ता राम की कहानी
मालासी गाँव को मालाराम दहिया जाट ने बसाया था । माला राम ने यहाँ एक कुँआ बनाया । माला राम दहिया के वंशज आज भी इस गाँव में काफी संख्या में बसते हैं । कहते हैं कि दहिया जाट की पुत्री को लेने जवाई आया । जवाई का नाम रिक्ता राम था । रिक्ता राम हंसमुख और मिलनसार नौजवान थे । ससुराल में शाम को औरतें कुकड़ला गीत गाने लगीं । सालियों और सालों को मजाक सूझी । वे रिक्ता राम को कुंवे पर ले गए और कुवें में उलटा लटका दिया । मजाक में जीजा रिक्ता राम के हाथ छूट गए और रिक्ता राम कुए में जा गिरा । उसके प्राण पखेरू उड़ गए । आस पास के गांवों के लोग इकट्ठे हुए और एक राय से फैसला किया कि जवाई रिक्ता राम प्रेम के प्रतीक के रूप में कुर्बान हुए अतः ये बाल बच्चों के देवता माने जायेंगे । तभी से उन्हें 'रिक्त्या भैरू' के रूप में पूजा जाता है । नवजात बच्चों का जडूला यहाँ इस गाँव के कुए पर चढाया जाता है । यहाँ हरयाणा, पंजाब, दिल्ली, आसाम, मध्य प्रदेश, गुजरात तक के श्रद्धालु आते हैं । [3]
मालासी हत्याकांड
7 अप्रैल, 1984 को अमरसिंह पुत्र गुलाबसिंह राजपूत निवासी मालासी ने रतनगढ़ के तत्कालीन सीओ को बयान दिए कि रीगितिया भैरू मेले में कुएं की चाठ पर जात लगती है और प्रसाद चढ़ाया जाता है। प्रसाद व चढ़ावे पर हक जमाने के लिए गांव के जुहारा राम, डालूराम, भागीरथ, रामलाल आदि ने पास-पड़ोस के गांवों के लोगों को जमा किया । इन्होंने कुएं पर सिंदूर चढ़ाकर मेला शुरू करने की रस्म अदायगी से पहले ही लक्ष्मणसिंह, लाखनसिंह, करणी सिंह, फूलसिंह, विशाल सिंह सहित अनेक जनों पर हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया । आरोपियों ने गंडासी, फर्सी व लाठियों से हमला कर कालू सिंह, सवाईसिंह व फूलसिंह की हत्या कर दी । आठ जनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया । हमले में पृथ्वी सिंह को भी 16 चोटें आईं । पुलिस ने इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया । बाद में यह मामला जिला एवं सेशन न्यायालय में पहुंचा । जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने साक्ष्य व बहस के बाद 7 नवंबर, 2005 को 32 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी ।[4]
Notable Persons
Gallery
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मालासी में रिकतिया भैरू के कुए पर बाबा महेन्द्रनाथ के साथ ग्रामीण
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मालासी में रिकतिया भैरू के कुए पर बाबा महेन्द्रनाथ के साथ ग्रामीण
External Links
References
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/70825-malasi-rajasthan.html
- ↑ http://www.hindu.com/2005/11/10/stories/2005111013180500.htm
- ↑ मनसुख रणवां: राजस्थान के संत-शूरमा एवं लोक कथाएं, प्रकाशक: कल्पना पब्लिकेशन, दूसरी मंजिल, दुकान न. 157 , चांदपोल बाजार, जयपुर-302001, 2010, पृ.58
- ↑ भैरू मेले के दौरान की गई थी तीन की हत्या
- ↑ भीमसिंह आर्य:जुल्म की कहानी किसान की जबानी (2006),p.40
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