Halasi

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(Redirected from Palashika)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Belgaum District map

Halasi (हलसी) is a town in Khanapur Taluk, Belgaum District in Karnataka, India. It is 14 km from Khanapur and about 25 km from Kittur.

Origin

Variants

History

As known from inscriptions, the ancient name of the town was Palāśikā.[1] A centre of the early Kadamba Dynasty (c. 500), it was a minor capital of the Goa Kadambas (980-1025).[2] The town is notable for a series of medieval temples. The most famous are the Varāha Narasiṃha temple and Suvarṇeśvara temple in the town, and a third temple of Rāmeśvara. On a hill about 1.9 km. south-west of the town is a pilgrimage place known as Rāmatītha. There is also a Jain temple in Halasi as well as mosques and tombs, most notably the Dargah of Hazrat Nūr al-Dīn Shāh Qadri. The Eidgah is located south of the town.

हलसी (कर्नाटक)

हलसी (कर्नाटक) (AS, p.1012) : छठी शती ई. में हलसी में जैन मत के अनुयायी कदम्ब नरेशों ने पल्लवों तथा मैसूर नरेश गंग को परास्त कर दक्षिण महाराष्ट्र में अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित किया था.[3]

हलसी परिचय

हलसी मैसूर (उत्तरी कर्नाटक) के बेलगाम ज़िले का शहर है। प्राचीन समय में यह स्थान कदम्ब वंश की राजधानी रहा था। आज भी यहाँ ऐतिहासिक इमारतें और स्मारक मौजूद हैं। हलसी को 'हालसी' या 'हालशी' भी कहा जाता है। यह उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम ज़िले के ख़ानपुर ताल्लुक का एक शहर है। ख़ानपुर से लगभग 14 कि.मी. और कित्तूर से 25 कि.मी. की दूरी पर हलसी स्थित है। प्राचीन समय में हलसी कदम्ब वंश की राजधानी रहा था। इस क्षेत्र की पृष्ठभूमि पश्चिमी घाट श्रेणी के हरे-भरे वनों से भरी है। हलसी में एक वृहत भूवाराह मंदिर भी है। मंदिर में भगवान नृसिंह, वाराह, नारायण और सूर्य की बड़ी मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ 'अगोकामेश्वर', 'हाटकेश्वर', 'कपिलेश्वर', 'स्वामेश्वर' आदि भी मंदिर हैं।

संदर्भ: भारतकोश-हलसी मैसूर

External links

References

  1. SIDDHAM: the asia inscriptions database: Halsi Grant of Ravivarman, https://siddham.network/inscription/in01055/
  2. James M. Campbell, Gazetteer of The Bomaby Presidency, vol. 21 Belgaum (Bombay: Central Government Press, 1884), 565
  3. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.1012