Ram Singh Shesham

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Ram Singh Shesham (born:2.7.1890-) (कप्तान रामसिंह शेषम), ----, Alwar, was a Social worker in Alwar, Rajasthan. [1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....कप्तान रामसिंह: [पृ.85]: कुंवर नेतराम सिंह गौरीर (जयपुर वालों) को अपनी बड़ी पुत्री के लिए लड़के की आवश्यकता थी। कुंवर हुकमसिंह रईस आंगई ने उन्होंने अलवर में सरदार बहादुर नत्थासिंह के यहां कोई लड़का बताया। बात सन 1932-33 की है मैं और नेतराम सिंह अलवर गए। यह पहला अवसर था जब मैंने कप्तान रामसिंह और उनके बूढ़े पिता सरदार बहादुर नत्थीसिंह के दर्शन किए। शादी का मामला तो नहीं पटा किंतु मैंने देखा राजस्थान में सैनिक दृष्टि से इतनी बड़ी तरक्की करने वाला यह पहला खानदान है। इसके बाद सन् 1936 में चौधरी नानक चंद के साथ मैं दोबारा कप्तान रामसिंह से मिला। हमारा अभिप्राय उन्हें कौमी सेवा के पद पर खींच लाने का था। उस समय हमें सिर्फ आश्वासन मिला। 5 मार्च 1946 को मैंने उन्हें सक्रिय जातीय सेवा में देखा। इस समय वह दिल खोलकर कौम की तरक्की के कामों में हिस्सा लेते हैं।

आपके पिताजी सरदार बहादुर चौधरी नत्थासिंह जी सीआईआई, ओबीआई, अलवर राज्य के सेनापति थे। गोत्र आपका शेषम है जिसे लोग उच्चारण भेद से शेखम बोलते हैं। आपका जन्म दूसरी जुलाई 1890 में हुआ ।आपने मैट्रिक तक तालीम हासिल की। आरंभ


[पृ.86]: में आप स्वर्गीय महाराज अलवर के अंगरक्षक ADC थे। बाद में मोटर गैरेज ऑफिसर बना दिए गए। इस के बाद आप स्टेट के गेस्ट हाउस के ऑफिसर नियुक्त हुए। इस समय पेंशन पा रहे हैं। आपके बड़े भाई पूर्णसिंह अलवर राज्य सेना में कर्नल के पद पर थे। आपके दो पुत्र हैं - बड़े पुत्र समुद्रसिंह जय पलटन में मेजर है। छोटे एफ़ए में पढ़ रहे हैं।


कप्तान साहब पिछले वर्ष से 'अलवर राज्य जाट सेवा संघ' के प्रेसिडेंट हैं और तन, मन, धन से कौम की सेवा करते हैं। अभी 5 मार्च 1946 को अलवर जाट धर्मशाला के शिलारोहण उत्सव पर उनके बड़े पुत्र समुद्रसिंह ने 300 रूपय धर्मशाला के लिए दान दिया।

कप्तान राम सिंह का घराणा राजस्थान के बड़े जाट घरानों में से एक है। उनकी रिश्तेदारियां धौलपुर और भरतपुर के राजपरिवारों और राज रिश्तेदारों के यहां हैं।

जीवन परिचय

गैलरी

संदर्भ


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