Rumadevi

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रुमा देवी

रुमा देवी एक भारतीय हस्तशिल्पकार एवं महिला उद्यमी हैं। उन्होने अपने हस्तशिल्प के दम पर पूरे विश्व में नाम कमाया। रूमा देवी ने बाड़मेर के 'मंगला की बेरी' गांव सहित तीन जिलों के 75 गांवों की 22000 महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई.

जीवन परिचय

श्रीमती रूमादेवी सारण जाट की बेटी ओर राड़ गोत्र के जाट की पत्नी हैं. आपने सिलाई कढ़ाई का कार्य किया है और अपने इलाके की हजारों महिलाऔं को भी इस व्यापार में सम्मिलित किया जिससे आज हजारों परिवार रोजगार पा रहे हैं. आप मूल रूप से राजस्थान के बाड़मेर के गांव रावतसर की हैं और आपका ससुराल गांव मगरे की बेरी बाड़मेर में ही है.

यह सारी जानकारी चौधरी चन्द प्रकाश डूडी पत्रकार 'हम जाट हैं' फेसबुक पेज व्हाट्सऐप 9929199990 पर बताई है. [1]

रूमादेवी केबीसी में

रूमादेवी केबीसी में

आपको विख्यात टीवी सीरियल 'कौन बनेगा करोड़पति' में 'कर्मवीर' की पदवी से सम्मानित किया गया है. आपने 20.9.19 को KBC में बारह लाख पचास हजार रुपये का ईनाम जीता है.

नारी शक्ति पुरस्कार

आपने दस्तकारी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुये विश्व में विशिष्ट पहचान बनाई है. रुमादेवी को महिला शशक्तिकरण के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा भारत का प्रतिष्ठित 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया है. आपने अनेक प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त किए हैं.

सोफिया वूॅमन कालेज मुंबई में

सोफिया वूॅमन कालेज, मुंबई के ऑडिटोरियम में

सोफिया वूॅमन कालेज, मुंबई के ऑडिटोरियम में सतत आजीविका पर परिचर्चा । यहां आई 21 संस्थानों के विद्यार्थी राजस्थान आने के लिए बहुत उत्साहित हैं। पूना फैशन स्कूल की छात्राओं और कार्यक्रम के बाद बाहर राजस्थानी प्रवासी माताएं बहनें विशेष रूप से यहाँ रूमा देवी से मिलने पहुंचीं ।

नवभारत समाचार

8वीं तक पढ़ी रूमा देवी ने बदली 22000 महिलाओं की जिंदगी: राजस्थान की रूमा देवी भली ही आठवीं पढ़ी हैं लेकिन वह लगभग 22000 महिलाओं का आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। उनकी खुद की शादी सत्रह साल की उम्र में हो गई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और स्वयं सहायता समूह बनाकर छोटे स्तर से काम शुरू किया। शादी के चलते पर अपनी स्कूली पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाईं लेकिन रूमा देवी ने बाड़मेर के मंगला की बेड़ी गांव सहित तीन जिलों के 75 गांव में 22000 महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई। रूमा के कारण बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर की ये महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर खुद के पैर पर खड़ी हो गई हैं। रूमा देवी को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया। [2]

बाहरी कड़ियाँ

पिक्चर गैलरी

संदर्भ


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