Sangrampur Bihar
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Sangramapur (संग्रामपुर) is a village in Bihar near Champaran. Local people believe that it was site of Valmiki Ashrama.
Origin
Variants
- Sangramapur संग्रामपुर (1) = Sangrampur Bihar (संग्रामपुर बिहार) (AS, p.928)
- Sangramapur संग्रामपुर (2) = Sangrampur Uttar Pradesh (संग्रामपुर उत्तर प्रदेश) (AS, p.928)
- Sangramapur संग्रामपुर (3) = Sangrampur Madhya Pradesh (संग्रामपुर मध्य प्रदेश) (AS, p.928)
History
संग्रामपुर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...
1. Sangrampur Bihar (संग्रामपुर बिहार) (AS, p.928): बिहार में चम्पारन के निकट स्थित एक ग्राम है। एक किंवदंती के अनुसार इस ग्राम को महर्षि वाल्मीकि का आश्रम कहा जाता है। [2]
2. Sangrampur Uttar Pradesh (संग्रामपुर) (AS, p.928) उन्नाव ज़िला, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थान। यह मोरावां से जब्रैला जाने वाले मार्ग पर एक मील दक्षिण की ओर मौरावां से छः मील की दूरी पर स्थित है। स्थानीय जनश्रुति है कि रामायण की कथा में वर्णित श्रवण कुमार, दशरथ द्वारा इसी स्थान पर मृत्यु को प्राप्त हुए थे। यहाँ एक तड़ाग के तट पर श्रवण कुमार की मूर्ति बनी हुई है। कहा जाता है कि यह वही तड़ाग है, जहां श्रवण कुमार अपने अंधे माता-पिता के लिए जल लेने जल लेने आये थे। किंतु वाल्मीकि रामायण में इस घटना की स्थिति सरयू नदी के तट पर बताई गई है-
'तस्मिन्नतिसुखेकाले धनुष्मानिषुमान्रथी व्यायामकृतसंकल्पः सरयूमन्वगां नदीम्।' वाल्मीकि रामायण, अयोध्या काण्ड 63, 20. [3]
3. Sangrampur Madhya Pradesh (संग्रामपुर) (AS, p.928) = सिंग्रामपुर दमोह ज़िला , मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। यह सिंगौरगढ़ से प्रायः चार मील दूर वह स्थल है, जहां गढ़मंडला की वीरांगना रानी दुर्गावती और मुग़ल बादशाह अकबर की सेनाओं में घोर युद्ध हुआ था, जिसके फलस्वरूप रानी वीरतापूर्वक लड़ते हुए मारी गई थी। इस स्थान पर हुए युद्ध में अकबर की सेना आसफ़ ख़ाँ अध्यक्षता में थी। रानी दुर्गावती का स्मारक उनकी मृत्यु के स्थान पर अभी तक वर्तमान में है। संग्रामपुर ग्राम राजा संग्रामसिंह के नाम पर प्रसिद्ध है, जो रानी दुर्गावती के श्वसुर थे। इनकी मृत्यु 1540 ई. में हुई थी।[4]