Shankar Lal Barala
Shankar Lal Barala was in CRPF jawan, a resident of Tejpura village in Shahpura area near Jaipur, was martyred on 24.7.2018 in a terror attack in Batamaloo locality of Srinagar, Jammu and Kashmir.
The incidence
Shankar Lal was the fourth security personnel from Rajasthan who has been martyred this month. The news shocked the residents of Tejpur village. He was cremated next day with full army honors. According to preliminary reports, Shankar Lal sustained bullet injuries in a terror attack in Batamaloo. The family members were informed by the local administration officers about the death of Shankar Lal Barala. He is survived by his wife, a 10-year-old son and 8-year-old daughter. A pall of gloom descended in the village as soon as the villagers and family members got the news of his martyrdom.[1]
Last rites of the martyr were performed in Jaipur on Wednesday.[2]
बैटल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट में लगे 7 माह
शाहपुरा के तेजपुरा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान शंकर लाल बराला के शहादत के 7 महीने बाद आखिरकार शुक्रवार देर शाम को सीआरपीएफ की ओर से कैजुअल्टी सर्टिफिकेट मिल गया। शहीद शंकर लाल बराला के बड़े भाई रामसहाय बराला व हनुमान बराला ने बताया कि शुक्रवार शाम को सीआरपीएफ ऑफिस दिल्ली के द्वारा एक जवान को भेजकर उनके भाई की शहादत का कैजुअल्टी सर्टिफिकेट भिजवाया गया।
कैजुअल्टी सर्टिफिकेट के अनुसार शहीद शंकर लाल बराला 21 अक्टूबर 2004 को सीआरपीएफ की 23वीं बटालियन में शामिल हुए थे। जिन्होंने 24 जुलाई 2018 को जम्मू कश्मीर में बटमालू श्रीनगर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से शहीद हो गए थे।
सर्टिफिकेट में सीआरपीएफ की ओर से शहीद के आश्रित पत्नी उर्मिला देवी, माता मन्नी देवी, पुत्र अंकित बराला व पुत्री अंजली बराला का विवरण दिया गया है। शहीद शंकर लाल बराला के ताऊ पूर्व सरपंच बालूराम बराला ने बताया कि शहीद शंकर लाल बराला की शहादत 24 जुलाई 2018 के बाद शहीद के परिजनों ने सीआरपीएफ मुख्यालय व सैनिक कल्याण बोर्ड के कार्यालय के काफी बार चक्कर लगा लिए।
14 फरवरी को उठाया था मुद्दा: गोविंदपुरा बासडी के सीआरपीएफ जवान रोहिताश लांबा के 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने के बाद अंत्येष्टि के दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों, केंद्रीय सूचना राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सीआरपीएफ के अधिकारी आए थे। इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों, सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों व मीडिया के समक्ष सरपंच गोविंदपुरा बासडी जवाहर जूहर व शहीद शंकर बराला के परिजनों ने बैटल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था।[3]
वीरांगना को सैल्यूट
शहीदों की मजारों पर जुडेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा...अमर शहीद शंकर जी बराला तेजपुरा राडावास। शहादत 24 जुलाई 2018. वीरांगना को सैल्यूट। सहयोग बलिदान त्याग इस बराला परिवार कि परम्परा रही है। मेरे पिताजी ने बताया था एक बार मै एक साल की उम्र मे भयंकर बीमार थी तब इनके चाचाजी श्री बालजी बराला सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर मे पदस्थापित थे, ने अस्पताल मे बैड न होने के बाबजूद पन्द्रह दिन मेरी मां की गोद में रखवाकर उपचार करवाया था। जयहिन्द।[4]
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शहादत के 7 महीने बाद सीआरपीएफ की ओर से कैजुअल्टी सर्टिफिकेट मिला
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वीरांगना को सैल्यूट
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References
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