Tittiradesha

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Tittiradesha (तित्तिरदेश) was a country inhabited by Tittira tribe mentioned in Mahabharata. This country was probably located on the banks of Shailoda River or Khotan River.[1]

Origin

Variants

Jat clans

History

In Mahabharata

Tittira (तित्तिर) in Mahabharata (V.46.50), (V.101.13)

Bhisma Parva, Mahabharata/Book VI Chapter 46 mentions that Krishna, Yudhisthira and his brothers look for arrangements of the war. Tittira (तित्तिर) is mentioned in Mahabharata (V.46.50)[2].... Tanganas, Paraanganas, Balhikas, Tittiras, and Cholas Pandya....


Udyoga Parva/Mahabharata Book V Chapter 101 describes Bhogavati city and innumerable Nagas dwelling there. Tittira (तित्तिर) is mentioned in Mahabharata (V.101.13).[3]....Tittira, Hastibhadra, Kumuda, Malyapindaka, the two Padmas, Pundarika, Pushpa, Mudgaraparnaka, (Mahabharata:V.101.13)

तित्तिरदेश

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...तित्तिरदेश (AS, p.400) तित्तिर लोगों का निवास स्थान था। 'मारुता धेनुका श्चैव तंगणा: परतंगणा:, बाह्लीकास्तित्तिराश्चैव चोला: पांड्याश्च भारत' महाभारत, भीष्मपर्व, 50, 31. तित्तिर निवासियों का तंगण,परतंगणबाह्लीक लोगों के साथ वर्णन होने से उनका निवास स्थान इनके निकट ही सूचित होता है। महाभारत सभापर्व 52, 2-3 में तंगण परतंगणों आदि को शैलोदा या खोतन नदी के प्रदेश में निवसित बताया गया है। इसी प्रदेश को तित्तिरों का इलाका समझना चाहिए। बहुत संभव है कि तित्तिर 'तातार' का संस्कृत रूपांतरण हो। तातरों का देश वर्तमान दक्षिणी रूस के इलाके में था। तित्तिर लोग महाभारत के युद्ध में पांडवों के साथ थे।

See also

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.400
  2. बाह्लिकास तित्तिराश चैव चॊलाः पाण्ड्याश च भारत, एते जनपथा राजन थक्षिणं पक्षम आश्रिताः (V.46.50)
  3. तित्तिरिर हस्तिभद्रश च कुमुदॊ माल्यपिण्डकः, दवौ पद्मौ पुण्डरीकश च पुष्पॊ मुद्गरपर्णकः (V.101.13)
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.400