Yavatmal

From Jatland Wiki
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Yavatmal district map

Yavatmal (यवतमाळ) is a city and district of Maharashtra.

Origin of name

The name derives from the Marathi Yavat (mountain) and mal (row).

Jat Gotras Namesake

Tahsils in Yavatmal District

1 Yavatmal, 2 Pusad, 3 Umarkhed, 4 Wani, 5 Darwha, 6 Mahagaon, 7 Arni, 8 Kelapur, 9 Digras, 10 Ghatanji, 11 Ner, 12 Ralegaon, 13 Kalamb, 14 Babulgaon, 15 Zari-Jamani, 16 Maregaon,

Villages in Tahsil

Towns: 1 Yavatmal, 2 Wadgaon Road, 3 Lohara, 4 Umarsara, 5 Yavatmal, 6 Waghapur, 7 Pimpalgaon,

Villages:

1 Akola Bajar, 2 Akpuri, 3 Anandnagar, 4 Asola, 5 Balajinagar, 6 Barad, 7 Barad Tanda, 8 Barbada, 9 Bechkheda, 10 Belura, 11 Bhamb, 12 Bhari, 13 Bhisani, 14 Bhosa, 15 Bhosa, 16 Bhoyar, 17 Borgaon, 18 Bori, 19 Borisinh, 20 Borjai, 21 Bothbodan, 22 Bothgavhan, 23 Chandapur, 24 Chapdoh, 25 Chaudhara, 26 Chinchbardi, 27 Chinchghat, 28 Daheli, 29 Dhamani, 30 Dhanora, 31 Dhanora, 32 Dharamgaon, 33 Dighori, 34 Dolamba, 35 Dorli, 36 Dudhana, 37 Echori, 38 Gahuli Hetti, 39 Ganeshpur, 40 Ghatana, 41 Ghodkhindi, 42 Godhani, 43 Harjuna, 44 Hatgaon, 45 Hatola, 46 Hiwari, 47 Jamb, 48 Jambhulni, 49 Jamdoh, 50 Jamwadi, 51 Jawala, 52 Kamathawada, 53 Kapra, 54 Karegaon, 55 Karli, 56 Khairgaon, 57 Khangaon, 58 Kharad Bk., 59 Kharola Kh., 60 Kinhi, 61 Kita, 62 Kolambi, 63 Krishnapur, 64 Lasina, 65 Loni, 66 Madkona, 67 Mangrul, 68 Manjarda, 69 Manpur, 70 Mhasola, 71 Moha, 72 Murzadi, 73 Murzadi, 74 Murzadi, 75 Narkund, 76 Nilona, 77 Pandhari, 78 Pandhurna, 79 Parawa, 80 Pardinaka, 81 Paunmari, 82 Pimpri, 83 Pimpri, 84 Pimpri, 85 Ramgaon, 86 Ramnagar, 87 Ramnagar, 88 Ramnagar, 89 Ramwakdi, 90 Ratchandana, 91 Rohatek, 92 Rui Yavatmal, 93 Saikheda Bk, 94 Saikheda Kh., 95 Saikheda Kh., 96 Sakur, 97 Salod, 98 Sawargad, 99 Shiwani Bk., 100 Sukali, 101 Takali, 102 Talegaon, 103 Tekadi, 104 Tembhurni, 105 Tiwasa, 106 Umari, 107 Varud, 108 Vasantnagar, 109 Vithalwadi, 110 Wadgaon, 111 Wadner, 112 Wagada, 113 Waghapur, 114 Wai, 115 Wai, 116 Waki, 117 Waki, 118 Warud, 119 Warzadi, 120 Watkhed, 121 Yawali, 122 Yelabara, 123 Yerad, 124 Yevati, 125 Zuli,

Source - https://www.census2011.co.in/data/subdistrict/4082-yavatmal-yavatmal-maharashtra.html

Jat Gotras

अश्मक-राज्य महाजनपद - गोदावरी के किनारे इनकी राजधानी योतन या योत्मली थी। [4]

महाराष्ट्र के जाटों इतिहास

320 वर्ष पूर्व जाटों के दल राजस्थान, हरयाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों से ग्वालियर, झांसी व सागर के मार्ग से नरसिंहपुर जिले के क्षेत्र में प्रविष्ट हुए थे। इस काल में पिंडारियों का आतंक था। जाटों ने उनसे संघर्ष किया और खदेड़ दिया। जाटों के उस समय तीन दल आये थे। एक दल सागर के आसपास रुका और वहाँ के निवासी हो गए। इनमें से प्रमुख राजनेता श्री रघु ठाकुर हैं। सागर से आगे जाटों का दल गया उसने नरसिंहपुर के आसपास के गाँवों पर कब्ज़ा किया और वहाँ बस गए। जाटों के आगमन के पूर्व नरसिंहपुर का नाम 'गडरिया खेड़ा' था 'गडरिया खेड़ा' पर निवास करते हुए जाटों ने एक विशाल नरसिंह भगवान के मंदिर का निर्माण प्रारम्भ किया। साथ ही एक किलेनुमा गढ़ी का निर्माण कराया। यह गढ़ी वर्त्तमान में राव साहब की बाखर कहलाती है। इस बखर से दो भूमिगत सुरंगों का निर्माण करवाया जो 'श्री देव नरसिंह भगवान' के मंदिर से जुड़ती हैं। एक सुरंग से जाट राजा, जाट सरदार तथा दूसरी सुरंग से संभ्रांत महिलायें आकर नरसिंह भगवान के दर्शन करती थी, शिव भगवान को अभिषेक करती थी। नरसिंह भगवान का मंदिर 28 वर्षों में पूर्ण हुआ। इस मंदिर के पीछे 18 एकड़ में एक विशाल सरोवर बनाया गया जिसे 'नरसिंह तालाब' के नाम से जाना जाता है। ये सभी निर्माण कार्य पूर्ण होने पर लगभग 285 वर्ष पूर्व नरसिंह भगवान की प्रतिमा विधि-विधान से स्थापित की। इसी दिवस पर गडरिया खेड़ा का नाम नरसिंह भगवान के नाम पर नरसिंहपुर रखा गया।

जाटों का आखिरी दल महाराष्ट्र के बरार क्षेत्र के जिला अकोला, अमरावती, यवतमाल आदि पहुंचे इन जिलों के अनेक गाँवों में जाटों का निवास है। नागपुर नगर निगम में चौधरी देशराज कई वर्षों महापौर के पद पर आसीन रहे हैं।

सन्दर्भ - जाट-शक्ति, रतलाम, दिनांक 7 मार्च 2014, लेखक: ठाकुर सत्येन्द्र सिंह, तलापर स्कूल के पास, संजयवार्ड, नरसिंहपुर, मो. 09425169149

Notable persons

References


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