Nishant Malik

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Nishant Malik

Nishant Malik became Martyr of Militancy at Rajauri on 13.08.2022 in Jammu and Kashmir. He was from village Dhandheri, Hansi in Hisar district of Haryana.

शहीद निशांत मलिक का परिचय

11-12 अगस्त 2022 की देर रात राजौरी से 25 किमी दूर परगल सैन्य शिविर में दो आतंकवादियों ने बाड़ काटकर प्रवेश करने का प्रयास किया। जिस पर सतर्क सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं।

इस भीषण मुठभेड़ में दोनों विदेशी आतंकवादी मारे गए और सूबेदार राजेन्द्र प्रसाद, मालीगांव, झुंझुनूं, राजस्थान, राइफलमैन लक्षमणन डी. टी पुडुपट्टी, मदुरै, तमिलनाडु, राइफलमैन मनोज कुमार, शाहजहांपुर, फरीदाबाद, हरियाणा वहीं पर वीरगति को प्राप्त हो गए। 5 जवान घायल हो गए। इन घायल जवानों में राइफलमैन निशांत मलिक, हांसी, हिसार हरियाणा भी अंततः वीरगति को प्राप्त हुए।

इन आतंकवादियों से 2 एके-47 राइफलें, 9 मैगजीन, 300 एके गोलियां, 5 हथगोले प्राप्त हुए। यदि ये कैंप में आगे तक प्रवेश करने में सफल हो जाते तो भारी क्षति पहुंचाते।

निशांत मलिक शहीद हुये

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को आर्मी कैंप के समीप आतंकवादी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए. शहीद जवानों में हरियाणा के हिसार के हांसी के निशांत मलिक भी शामिल थे. रक्षाबंधन के दिन तीन बहनों के इकलौते भाई निशांत शहीद हो गए. बुधवार रात को भाई ने वीडियो कॉल कर बहनों से रक्षाबंधन की सुबह राखी बांधने को कहा था. वहीं छोटी बहन को उसकी शादी में गिफ्ट के तौर पर गाड़ी देना चाहता था, इसके लिए निशांत ने उसकी नाम से एफडी भी करवाई थी. रक्षाबंधन के ही दिन अपने भाई को खोने पर तीनों बहनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

हिसार के हांसी के शहीद निशांत मलिक की उम्र मात्र 21 साल थी. मलिक करीब दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था. निशांत के पिता जयवीर मलिक भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और करगिल युद्ध भी लड़ चुके हैं. शहीदे निशांत के पिता ने बताया कि गुरुवार सुबह उसकी बेटी ने निशांत को फोन किया, लेकिन उसने उठाया नहीं, फिर फोन किया तो भी कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद पिता को खबर मिली की उनका बेटा शहीद हो गया है. पिता ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा निशांत था.

दिसंबर-जनवरी में तय की जानी थी बहन की शादी: जयवीर मलिक की दो बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी बेटी की शादी इसी साल दिसंबर-जनवरी में तय की जानी थी. पिता ने भावुक होते हुए बताया कि निशांत अपनी बहन को शादी में गिफ्त के तौर पर कार देना चाहता था. इसके लिए उसने उसके नाम से एफडी भी करवाई थी. अपने भाई को खोने पर तीनों बहनों का रो-रो कर बुला है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले गुरुवार तड़के आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर एक आत्मघाती हमला किया, जिसमें चार जवान शहीद हो गये थे. सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी भी मारे गए.

निशांत समेत ये चार जवान हुए शहीद: शहीद हुए सेना के जवानों की पहचान सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान के झुंझुनू जिले के मालिगोवेन गांव के), राइफलमैन लक्ष्मणन डी (तमिलनाडु के मदुरै जिले के टी पुडुपट्टी गांव के), राइफलमैन मनोज कुमार (हरियाणा के फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव के) और राइफलमैन निशांत मलिक (हरियाणा के हिसार के आदर्श नगर गांव के) के रूप में की गयी है.

शहीद निशांत मलिक का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के जवान निशांत मलिक शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव ढंढेरी में शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। हांसी से प्रेमनगर, देपल व रामायण गांव होते हुए ढंढेरी तक शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई। विद्यार्थियों, युवाओं, ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा व तिरंगा लहराकर अंतिम विदाई दी। शहीद निशांत मलिक अमर रहे के जयकारे लगाए।

अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को राजकीय स्कूल के प्रांगण में रखा गया। यहां पुलिस व आर्मी के जवानों ने शस्त्र उलटे कर तथा हवा में गोलियां दागकर उन्हें अंतिम सलामी दी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद निशांत का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में आसपास के गांव के लोग एकत्रित हुए। हांसी के विधायक विनोद भयाना, उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी, पुलिस अधीक्षक नितिका गहलोत, एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह अहलावत, सेना के उच्च अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित किया। दोपहर करीब 1.10 बजे शहीद निशांत मलिक के चचेरे भाई दीक्षांत ने मुख्य अग्नि दी। बड़ी संख्या में उमड़े युवाओं, ग्रामीणों ने बाइक तिरंगा रैली के जरिये शहीद को विदाई दी। बता दें कि निशांत मलिक के पिता जयवीर मलिक भी सेना में हवलदार के पद से रिटायर हुए थे। कारगिल युद्ध में वह गोली लगने से घायल हुए थे। निशांत तीन बहनों का इकलौता भाई था।

स्रोत: अमर उजाला ब्यूरो, 14 Aug 2022

शहीद निशांत मलिक को सम्मान

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए हांसी के निशांत मलिक के सम्मान में उनके नाम पर गांव ढंढेरी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नामकरण किया गया हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शहीद निशांत मलिक के घर शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे थे। इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को 12 घंटे के अंदर स्कूल का नाम शहीद के नाम पर करने के दिए आदेश थे। इसके बाद अधिकारियों ने छह घंटों में ही स्कूल का नाम शहीद निशांत मलिक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय किया।

देश के लिए अपूरणीय क्षति है: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शहीद निशांत मलिक का जाना समूचे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि बेशक वे हमारे बीच नहीं रहे हो लेकिन देशवासियों के दिलों में हमेशा रहेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि निशांत मलिक ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है और उनकी इस कुर्बानी को कभी नहीं भुलाया जा सकता।[1]

गैलरी

मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकवादी और उनसे मिले हथियार और गोला बारूद।

स्रोत

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ


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