Hardu
Hardu (हरडू) (Hardoo) Gotra Jats live in Rajasthan and Haryana. It is a sub Gotra of Dahiya.
Origin
- Haru Dahiya gave name to this Gotra as Haru which later changed to Hardu.
Jat Gotras Namesake
- Hardu (हरडू) (Jat clan) → Harduwa Pahadi () is a village in Patera tahsil in Damoh district of Madhya Pradesh. Author (Laxman Burdak) visited it on 23.03.1991.
History
Onad Dahiya (wife Shyama) → Nandu (Daughter) → Haru (Gotra changed from Dahiya to Hardu), founded village Ber Nagaur → Shiv → Jalap → Kallo + Nanak + Balu + Sadu +Kumbho (Left Ber Nagaur, Kallo founded Kalyansar in 1435 AD, Balu founded Jarau Kalan, Nanak-Sadu-Kumbho founded Ghantiyal Bari in 1435 AD)
Kumbho (wife Gora Rahad d/o Keru) → Polo + Rau (born:1431 AD) + Lachha daughter (In 3rd generation of Polo was born Pancha whose Chhatri is in Umadesar)
Rau was born in 1431 AD on Shukla Ashtami of Kartika month at Ber Nagaur. He was married to Kalyan Rao's daughter Dhanni and had 6 sons: 1. Shalu, 2. Dula, 3. Dala, 4. Khanga, 5. Hira, 6. Panna. He died in 1467 AD on Shukla Panchami of Chaitra month fighting with Muslims-Meenas for protection of cows. Those martyred along with him were his sister Lachha, Bhatija Jalu, his partner Haru Bhil and his dog Jhabra. Hardu people have constructed a Chhatri in village Ghantiyal Bari on 07.12. 2014 in memory of the martyr - Jhunjhar Rau.
हरडू गोत्र का इतिहास
दहिया और पूनियाँ गोत्र के आपसी विवाद में तत्कालीन शासक ने षड्यंत्र से काफ़ी दहियाजनों को आग से जला कर मार डाला. ओनाड़ जी दहिया (झांसल) शहीद होने के उपरांत उनकी पत्नी श्यामा जी सहू की बेटी नन्दू जी ने अपने बेटे हरु (हीरा) जी का गोत्र दहिया से नया गोत्र हरु दिया जो कालांतर में हरडू बना. सात कारु कौम बाँगड़वा ढाढी, सोनगरा बहीभाट, दाहिमा ब्राह्मण, धुँधाला कुम्हार, टाँक नाई, बोदला सुथार और तुनतुनिया भील बनाएँ. हरु जी ने संवत् 1394 (1337 ई.) में बेड़ गाँव (तहसील लाडनूं जिला नागौर) बसाया तथा वहां एक कुआँ खुदवाया जो आज भी खंडहर के रूप में विद्यमान है.
हरु जी के शिवजी, शिवजी के जालप जी और जालप जी के कल्लो जी, नानक जी, बालुजी, सदु जी और कुंभों जी हुए.
इन्होनें गौसेवा विवाद में बेड़ छोड़ संवत् 1492 (1435 ई.) में कल्लो जी ने कल्याणसर गाँव (तहसील श्री डूंगरगढ़ जिला बीकानेर) बसाया तथा वहां संवत् 1495 में एक कुआ खुदवाया.
बालु जी ने जड़ाऊ गाँव बसाया.
नानक जी सदू जी व कुंभों जी ने संवत् 1492 (1435 ई.) में घंटियाल बड़ी गाँव (तहसील बीदासर जिला चुरू ) बसाया तथा वहां एक कुआ खुदवाया जो “गुंजणा कुआ” के नाम से जाना जाता है जहाँ संजयनाथ जी की समाधि भी स्थित है.
कुंभों जी के घर केरू जी राहड़ की बेटी गोरा जी आई और उनके पोलो जी , राऊ जी व बहन लाछां बाई हुए. राऊ जी के बड़े भाई पोलो जी की तीसरी पीढ़ी के पांचा जी की छतरी आज भी गाँव उमादेसर (तहसील ओसिया जिला जोधपुर) में विद्यमान है.
राऊ जी का जन्म संवत् 1488 (1431 ई.) में कार्तिक मास की शुक्ल अष्टमी को गाँव बेड़ में हुआ और इनका विवाह कल्याण जी राव की बेटी धन्नी जी से हुआ जिनके 6 पुत्र शालुजी, दुलाजी, दलाजी, खंगा जी, हीरा जी व पन्ना जी हुए. संजयनाथ जी के सम्पर्क व सानिध्य और पारिवारिक संस्कारों के चलते राऊ जी शिव भक्ति एवं गौसेवा में समर्पित हो गए. संवत् 1524 (1467 ई.) को चैत्र मास की शुक्ल पंचमी को मुग़ल मीणा लुटेरों से गायों को छुड़ाने के लिए हुए संघर्ष में राऊ जी शीश धड़ से अलग होने के बावजूद लड़ कर लुटेरों से गायों को छुड़ा लाये तथा संघर्ष में “जुंझ” कर “जुंझार” कहलाये व शहीद हो गए. इस लड़ाई में उनकी बहन लाछां बाई , उनका भतीजा जलु जी एक सहयोगी हरु जी भील व उनका पालतू काला कुत्ता “झाबरा” भी गाँव घंटियाल से उत्तर दिशा में दो खेत दूर शहीद हो गये.
इस घटना और बहन लाछां बाई के श्राप से समस्त हरडू अलग अलग स्थानों पर बिखर गये जो वर्तमान में राजस्थान हरियाणा व पंजाब में 725 घर जाटों व 80 घर बिश्नोइयों के निवास कर रहे हैं. अखिल भारतीय हरडू परिवार विकास ट्रस्ट ने 07 दिसंबर 2014 से अपने कुलदेवता “जुंझार जी” के स्थान पर (गाँव घंटियाल बड़ी जिला चुरू) स्थित पुरानी देवलियों के स्थान पर भव्य धाम बनाने का मिशन शुरू किया. इस मिशन को आदरणीय भू-दानदाता श्री गोपालनाथ जी सिद्ध ने एक बिघा ज़मीन दान में देकर गति दी तथा समस्त हरडू भाइयों के सहयोग से दिनांक 27 नवम्बर 2020 को इस भव्य एवम पवित्र धाम की देवली स्थापना का कार्य संपूर्ण हुआ. यहाँ हर रोज देशी घी, नारियल तथा गौवंश के छाणों से ज्योत होती है तथा घर की रसोई में बने पकवानों का भोग लगता है और यहाँ पर हर आगंतुक के लिए खाने व रहने की निशुल्क व्यवस्था रहती है.
Source - Shishpal Hardu - From Kumthal Village in Ellenabad tahsil of Sirsa district in Haryana. He retired as Associate Prof of Commerce from Govt College Sirsa. Mob:9466376500. He is social worker and working for Akhil Bharatiya Hardu Pariwar Vikas Trust.
बडाबर तथा हरासर गाँवों में जागीरदारों द्वारा अपमान
प्रजा-परिषद् के सदस्यता अभियान के दौरान मेघसिंह आर्य को बडाबर गाँव के ठाकुर भैरूसिंह ने हरडू जाटों के घर पर खाट पर बैठे हुए को नीचे उतरने पर बाध्य किया तथा माँ बहन की गालियां निकाली । इसी प्रकार से ग्राम हरासर का जागीरदार ठाकुर जीवराज सिंह, जो बीकानेर राज्य का प्रधान-मंत्री था, को मेघ सिंह के गाँव में होने की जानकारी मिली तो पकड़कर लाने के लिए पुलिस भेजी । मेघ सिंह रातों रात भाग कर राजियासर अपने सम्बन्धियों के पास चले गए व छिपकर पिटाई से पिंड छुटाया । मेघ सिंह जब राजियासर से रतनगढ़ पैदल जा रहे थे तो ठाकुर रास्ते में फरसे लेकर मारने हेतु छिपकर बैठ गए । मेघ सिंह ने रास्ता बदल कर जान बचाई। [1]
Distribution in Rajasthan
Villages in Jodhpur district
Chaupasni (0), Dhanari Kalan[2] Jodhpur जोधपुर शहर (16), विष्णुनगर (खेतासर) तहसील ओसियाँ (25), बड़ला बासनी तहसील तींवरी (2), भलासरिया तहसील तींवरी (2), ओसियाँ तहसील ओसियाँ (2), गिंगाला तहसील ओसियाँ (23), धनारी कलाँ तहसील बावड़ी (7)
Villages in Churu district
Ghantiyal Bari घंटियाल बड़ी तहसील बिदासर (14), Badabar बडाबर तहसील सुजानगढ़ (15), Sujangarh सुजानगढ़ शहर (1), बिदासर तहसील बिदासर (1), राजलदेसर तहसील रतनगढ़ (9), भिन्यासर तहसील भानीपुरा (1)
Villages in Barmer district
गंगासरा तहसील बाड़मेर (25), कगाऊ तहसील बाड़मेर(2), बातों की ढाणी ग्राम पंचायत अरटवाव तहसील गुढ़ामलानी (3), डबोई तहसील धोरीमना पहले गूढ़ामलानी (7), बिजराड तहसील चोहटन (8),
हरडू बिश्नोई गाँव पिथरासर तहसील नोख़ा ज़िला बीकानेर में (90) निवास करते हैं
Villages in Nagaur district
खुण्डाला तहसील खिंवसर (25), गोगानाडा (सिंगड़) तहसील नागौर (4), छिला तहसील नागौर (25), चिलो पोस्ट श्री बालाजी तहसील नागौर (5), ढाणीपूरा तहसील रिन्या बड़ी (35), बड़ा आसन तहसील रिन्या बड़ी (2), गोठडा तहसील रिन्या बड़ी (2), सनेडीया तहसील रिन्या बड़ी (2), कल्ला का बास (पंचरण्डा)तहसील भेरूँदा (20), मोरियाना तहसील भेरूँदा (15), डेगाना तहसील डेगाना (1), धोलिया तहसील लाडनूँ (2),
Villages in Ajmer district
बड़ला तहसील सरवाड 12) सांगानेर तहसील सरवाड (15) बाघसूरी तहसील नसीराबाद (5) जेठाणा तहसील पिसांगन (3) चावण्डिया तहसील पुष्कर (3) अजमेर शहर (1) ख़ातोलाई तहसील किशनगढ़ (1)
Villages in Tonk district
खोडा का खेड़ा तहसील निवाई (9), देवली गाँव तहसील देवली (2),
Villages in Bikaner district
Kalyansar Purana कल्याणसर तहसील श्री डूंगरगढ़ (145), रीड़ी तहसील श्री डूंगरगढ़ (10), बीरमसर तहसील श्री डूंगरगढ़ (1), धनेरु तहसील श्री डूंगरगढ़ (8), गाढवाला तहसील बीकानेर (5), रुपेरा तहसील बीकानेर (1), नोखा दैया तहसील कोलायत (20), बन्दा तहसील लुणकरणसर (25),
Villages in Hanumangarh district
भरवाना तहसील भादरा (15) मलवानी तहसील नोहर (4) चहुवाली तहसील टीबी (2) रतनादेसर दुधली तहसील पल्लू (12) सिंहपूरा तहसील हनुमानगढ़ (2) नूरपुरा तहसील हनुमानगढ़ (1)
Villages in Ganganagar district
हाथियाँवाली तहसील सादुलशहर (4)
Distribution in Haryana
Villages in Sirsa district
Kumthal कुमथल तहसील ऐलनाबाद (9), Mithanpura मिठनपुरा तहसील ऐलनाबाद (14), माधोसिंघाना तहसील सिरसा (2),
Villages in Fatehabad district
किरढाण तहसील फतेहाबाद (8),
Villages in Hisar district
नंगथला तहसील हिसार (18), धाँसू तहसील हिसार (30), केमरी तहसील हिसार (10), बूड़ाक तहसील हिसार (20),
Distribution in Punjab
पंजाब के गाँव रामकोट तहसील व ज़िला फाजिल्का (25)
Notable persons
- Sarvesh Hardoo - from Kumthal Village in Ellenabad tahsil of Sirsa district in Haryana.
- Shishpal Hardu - From Kumthal Village in Ellenabad tahsil of Sirsa district in Haryana. He retired as Associate Prof of Commerce from Govt College Sirsa. Mob:9466376500. He is social worker and working for Akhil Bharatiya Hardu Pariwar Vikas Trust.
Gallery
External links
References
- ↑ उद्देश्य:जाट कीर्ति संस्थान चूरू द्वारा आयोजित सर्व समाज बौधिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह चूरू, 9 जनवरी 2013,पृ. 34
- ↑ User:Mahadev959
- ↑ Pitha Ram Guleria, Sujangarh Jat Samaj Nirdeshika, 2015, p. 77
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