Laxman Ram Mahla
Laxman Ram Mahla (लक्ष्मणराम महला) from Village Raiya Tunda (tah:Taranagar, District Churu, is social worker and Mantri of Jat Kirti Sansthan Churu.
जीवन परिचय
पिता का नाम: स्वर्गीय श्री पेमाराम
माता का नाम : श्रीमती उमा देवी ( सारण ) निवासी सारसर
राज के रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि : 21 जुलाई 1941
शिक्षा : मैट्रिक; वर्ष 1962
राजकीय सेवाकाल: 31 वर्ष ; पद: ग्रामसेवक
सेवानिवृत्त : 31 जुलाई 1999 को पंचायत समिति, चूरू से
मूल निवास: ग्राम- रैयाटुंडा वाया साहवा तहसील- तारानगर, जिला- चूरू (राजस्थान)
वर्तमान निवास : गायत्री नगर, वार्ड नंबर 45 , चूरू ( राजस्थान )
श्री लक्ष्मणराम महला: चूरू के श्रेष्ठ समाजसेवी
धोरों की धरती की रेतीली राहों पर क़िस्म-क़िस्म की कठिनाइयों से जूझते रहने के बावजूद सरपट दौड़ती जिंदगी की जिंदा मिसाल से रूबरू होना हो तो मिलिए श्री लक्ष्मण राम महला से। उतार- चढ़ाव से भरी जिंदगी के लगभग अस्सी बसन्त की बानगी देख चुके हैं। जीवन के संध्याकाल में भी जिंदगी की जदोजहद के बावजूद चुस्ती, फुर्ती, जोश, उत्साह और उमंग का सुखद मेल कैसे बरक़रार रखा जा सकता है, यह राज तो महला जी की जीवनशैली और कार्यशैली से ही जाना जा सकता है।
सामान्य कद-काठी, चौड़ा ललाट, नितांत सादा जीवन व सादा पहनावा - सफेद कुर्ता-पायजामा - एक सच्चा व सहृदयी इंसान जिसका जीवन सामाजिक सरोकारों में रच-बस चुका है- चूरू की ऐसी शख्सियत का नाम है लक्ष्मण राम जी महला। सिर के पृष्ठ एवं पार्श्व भाग पर पसरे चांदी हो चुके बाल यही बयां कर रहे हैं कि जिंदगी की धूप और बदलते मौसमों की मार को दिलेरी से सहते हुए इन बालों ने अपना रूप-रंग लुटाकर अनुभव की दौलत संचित की है।
महला जी हैं अपनी धुन के पक्के एवं पूरे मनमौजी। किसी काम में उनको कोई कुटेव नहीं। आज के काम को आज ही पूरा करके दम लेते हैं। नशावृत्ति के धुर विरोधी। चाय-पान को भी नशे की श्रेणी में मानने वाले। हर प्रकार के नशे से दूर।
समाज हित का कोई काम आप अपने दम पर शुरू करने का जज़्बा रखते हैं। किसी के भरोसे रहना आपको पसंद नहीं। आप उच्च कोटि के घुम्मकड़ एवं पैदल यात्री हैं। चूरू के बाहरी इलाके में बसे अपनों से मिलने आप पैदल ही जाते हैं। जहाँ तक संभव होता है आप किसी वाहन पर नहीं जाते। ख़ुद का काम ख़ुद करने के आप पुरज़ोर हिमायती हैं।
जाट समाज कैसे हिचकोले खाकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा है, इसके बारे में आपके पास अनेक संस्मरण हैं। समाज को कुरीतियों से कैसे मुक्त करवाए जा सके, बिखराव के इस दौर में कैसे एकजुटता क़ायम की जा सके, इन बातों पर आप मनन करते रहते हैं और अपने विचार साझा करते रहते हैं।
पृष्ठभूमि: श्री लक्ष्मण राम महला का जन्म ग्राम रैयाटुंडा तहसील- तारानगर (जिला चूरू) में स्वर्गीय श्री पेमाराम के घर स्वर्गीय श्रीमती उमा देवी की कोख से 21 जुलाई 1941 को हुआ। किस्मत का कहर ऐसा बरपा कि जन्म के 6 माह पश्चात ही माता जी का साया सिर से उठ गया। लालन-पालन का पूरा जिम्मा दादी एवं पिता श्री के कंधों पर आ पड़ा। बचपन बेहद कष्टप्रद परिस्थितियों में गुजरा।
परिवार: आप तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। आपके सबसे बड़े भ्राता का नाम स्वर्गीय श्री दुलाराम एवं उनसे छोटे का नाम श्री लालचंद है। आपका विवाह श्री सुरजा राम जी रुहिल ग्राम रिबिया ( चूरू) की लाडली बेटी सज्जना के साथ मार्च 1970 में संपन्न हुआ। आपके दो पुत्रियां एवं दो पुत्र हैं तथा सभी संताने शिक्षित हैं।
बड़ी बेटी सीता ने एम. ए. डिग्री अर्जित कर रखी है तथा अध्यापक पद पर कार्यरत है। छोटी बेटी परमेश्वरी ने सेकेंडरी स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है। आपके बेटे अश्वनी कुमार ने हायर सेकेंडरी तक शिक्षा ग्रहण कर निजी व्यवसाय के क्षेत्र में पदार्पण किया तथा वर्तमान में चूरू में फोटो स्टूडियो एवं ईमित्र का प्रोपराइटर है। छोटा बेटा अनिल कुमार भी निजी व्यवसाय से जुड़ा है।
शिक्षा: अत्यंत सामान्य पृष्ठभूमि के किसान परिवार में पले-बढ़े श्री लक्ष्मण राम महला को सन 1952 में गांव में प्रारम्भ की गई सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया और वहाँ से पहली कक्षा उत्तीर्ण की। वहाँ पर नियुक्त अध्यापक द्वारा स्कूल छोड़ देने के कारण यह स्कूल बंद हो गई। पढ़ाई जारी रखवाने के लिए पास के गांव रेडी भूरास में स्तिथ प्राइमरी स्कूल में पिता जी ने दूसरी कक्षा में दाखिला दिलवा दिया। उम्र छोटी पर कष्ट बड़े। हालात से लड़कर आगे बढ़ते रहने की ललक बचपन से ही दिल में हिलोरे ले रही थी। रोटियों के लिए घर से अनाज पिसवाकर आटा सिर पर लेकर अल्पायु में घर से दूर भूरास गांव में स्वर्गीय श्री मगराज राठी के घर रहकर कक्षा 6 तक तक की पढ़ाई की। कक्षा 7 में गौतम ग्राम्य मिडिल स्कूल, मेहरासर उपाधियान में दाखिला लेकर वहां से आठवीं कक्षा उतीर्ण की। पढ़ाई का सिलसिला जारी रखते हुए राजकीय हाई स्कूल, तारानगर में कक्षा 9 में दाखिला लिया और वहां से सन 1962 में मैट्रिक की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण की।
स्वर्णिम सेवाकाल: सन 1964 में ग्रामसेवक प्रशिक्षण केंद्र मंडोर में प्रशिक्षण हेतु चयनित होने पर वहां से 3 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर 26 जनवरी 1968 को मक्कासर पंचायत समिति हनुमानगढ़ में ग्राम सेवक/ ग्रुप सचिव पद पर नियुक्ति हुई। वहां लगातार साढ़े सोलह वर्ष तक एक ही मुख्यालय पर कार्यरत रहते हुए अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा की अनुकरणीय मिसाल कायम की। 23 अक्टूबर 1983 को वहां से स्थानांतरण करवा कर चूरू के नज़दीक सातड़ा पंचायत समिति, चूरू में कार्यभार ग्रहण किया। कालांतर में चूरु पंचायत समिति की पंचायत सातड़ा, नाकरासर, जसासर, दुधवाखारा, इंद्रपुरा, झारिया, आसलखेड़ी, घंटेल, जसरासर, सहजूसर, कड़वासरा, बूंटिया में सेवारत रहते हुए 31 जुलाई 1999 को राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए।
सेवाकाल में ग्रामसेवक संगठनों में भूमिका: सवर्प्रथम 29 मार्च 1968 को राजस्थान ग्राम सेवक संघ की पंचायत समिति शाखा, हनुमानगढ़ के सर्वसम्मति से मंत्री निर्वाचित हुए।
10 अप्रैल 1970 को बीकानेर डिविजन के डिवीज़नल मंत्री नियुक्त हुए और एक वर्ष तक इस पद पर रहे। 13 अप्रैल 1971 से 23 अक्टूबर 1983 तक गंगानगर जिले के जिला मंत्री रहे। सन 1980 से 1988 तक आप संगठन की मासिक पत्रिका "ग्राम हित" के संपादक रहे। आपने तीन साल तक केंद्रीय कोषाध्यक्ष का दायित्व संभाला। सन 1977, 1979 एवं 1981 में आयोजित प्रांतीय अधिवेशनों के कोषाध्यक्ष रहे। चौथा प्रांतीय अधिवेशन आप की देखरेख में सन 1973 में श्रीगंगानगर में संपन्न हुआ। सन 1991 में पंचायतें भंग होने पर आप प्रशासक नियुक्त हुए। मई 1997 में आप सर्वसम्मति से प्रदेशाध्यक्ष चुने गए एवं सेवानिवृत्त होने तक इस पद पर रहे।
सामाजिक सरोकार: सेवाकाल में भी सामाजिक सरोकारों में आपकी सक्रिय सहभागिता रही। सेवानिवृत्ति के बाद तो समाज सेवा को ही अपना प्रमुख ध्येय बना लिया। आपकी अगुवाई में 7 अक्टूबर 2007 को चूरू तहसील जाट महासभा का गठन हुआ और आप इसके मंत्री बनाए गए। चूरू में महासभा की गतिविधियों का आगाज़ करते हुए आपने 26 अक्टूबर 2007 को चौधरी कुम्भाराम आर्य की 12 वीं पुण्यतिथि अगुवा होकर आयोजित की। महासभा के बैनर तले आपने तीन तहसील स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए एवं तहसील क्षेत्र में ग्राम इकाइयों का गठन किया।
जाट कीर्ति संस्थान: सामाज हित के विभिन्न कार्यों का व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने हेतु आपने 4 मई 2008 को जाट कीर्ती संस्थान, चूरू का गठन कर मंत्री पद का दायित्व ग्रहण किया। आपके सार्थक प्रयासों से 21 मई 2008 को।संस्थान का पंजीकरण ( पंजीयन संख्या 16/ 2008-09 ) सम्पन्न हुआ।
चूरु जिले के जाट समाज में जागृति उत्पन्न करने के लिए पूरी सक्रियता से आपने अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है तथा जाट कीर्ति संस्थान के बैनर तले निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए:
◆संस्थान द्वारा 17 अक्टूबर 2010 को जिला स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाली 110 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में अखिल भारतवर्षीय राजस्थान जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष श्री राधेराम गोदारा ने 32 हज़ार रुपये का आर्थिक सहयोग प्रदान किया। आयोजन पर हुए कुल व्यय में से छः हज़ार रुपये की राशि आप खुद ने वहन की।
◆8 फरवरी 2011 को साधारण सभा की बैठक व बौद्धिक सम्मेलन।
◆5 मई 2011 को साधारण सभा की बैठक हुई। इस अवसर पर बौद्धिक सम्मेलन तथा नई कार्यकारिणी का चुनाव। पुनः आपको मंत्री पद का दायित्व सौंप गया।
◆29 मई 2011 को चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि पर ग्राम खुड़ी ( सुजानगढ़ ) में बौद्धिक सम्मेलन का आयोजन किया तथा सालासर जोन की कार्यकारिणी गठित की।
◆ 6 नवंबर 2011 को राजगढ़ में दीपावली स्नेह मिलन तथा तहसील निकाय का चुनाव संपन्न करवाया।
◆7 नवंबर 2011 को तारानगर में दीपावली स्नेह मिलन तथा तहसील इकाई का चुनाव।
◆10 नवंबर 2011 को रतनगढ़ में दीपावली स्नेह मिलन उन्हें 23 दिसंबर 2011 को बौद्धिक सम्मेलन तथा चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाई गई।
◆13 नवंबर 2011 को सुजानगढ़ में दीपावली स्नेह मिलन।
◆20 नवंबर 2011 सांडवा में दीपावली स्नेह मिलन।
◆27 नवंबर 2011 को गाँव भानीपुरा ( सरदारशहर ) में बौद्धिक सम्मेलन आयोजित कर स्वतंत्रता सेनानी श्री मेघसिंह आर्य एवं श्री हरिराम ढाका को सम्मानित करने के अतिरिक्त 22 अन्य प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
◆22 जनवरी 2012 को ग्रामोदय विद्यापीठ, खींचिवाला में बौद्धिक सम्मेलन आयोजित किया जिसमें 75 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
◆2 जून 2012 को संत शिरोमणि भक्त फूलाबाई चैरिटेबल ट्रस्ट, चूरू की स्थापना भी आपकी अगुवाई में हुई। आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों को सहायता सहायता प्रदान करना इस ट्रस्ट के मूल उद्देश्य रखा गया।
◆ 22- 23 जून 2012 को वैदिक कन्या छात्रावास, तारानगर में दो दिवसीय चिंतन शिविर स्वामी सुमेधानंद जी के सानिध्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर 11 कार्यकर्ताओं को सम्मानित तथा एक सौ लोगों को कन्या भ्रूण हत्या बंद करने के संकल्प पत्र भरवाकर शपथ दिलवाई गई।
◆8 सितंबर 2012 को सरदारशहर तहसील के गांव भादासर में वीर बिग्गाजी स्मृति संस्थान के सहयोग से विशाल बौद्धिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह स्वामी सुमेधानंद जी के सानिध्य में आयोजित किया गया। समारोह में 300 प्रतिभाओं को सम्मानित कर उन्हें "उत्तरी राजस्थान का कृषक आंदोलन" एवं "राजस्थान का जाट गौरव" पुस्तकें भेंट की गई। इस आयोजन में लगभग 20,000 व्यक्तियों ने भाग लिया।
◆ 11 दिसंबर 2012 को इंद्रमणि पार्क, चूरू में सर्व समाज की ओर से ग्रामोदय विद्यापीठ, खींचिवाला के संस्थापक स्वर्गीय श्री नित्यानन्द जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
◆25 दिसंबर 2012 को राजगढ़ में भरतपुर रियासत के महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 22 व्यक्तियों को सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के अलावा उन्हें 'जुल्म की कहानी, किसान की जुबानी' पुस्तक भेंट की।
◆30 दिसम्बर 2012 को जाट कीर्ती संस्थान की तारानगर इकाई द्वारा ग्राम साहवा में विशाल स्तर पर बौद्धिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 500 प्रतिभाओं को वीर तेजाजी का स्मृति चिह्न एवं "ज़ुल्म की कहानी, किसान की ज़ुबानी" व "मरुमाणक कुंभाराम आर्य" पुस्तकें तथा "धरतीपुत्र" स्मारिका भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर "धरतीपुत्र" स्मारिका का प्रकाशन भी किया गया।
◆ 9 जनवरी 2013 को राजा नाहर सिंह, स्वामी गोपाल दास एवं सर छोटूराम की पुण्यतिथि पर चूरू में कार्यक्रम आयोजित कर उसमें 250 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 'जाट कीर्ति संस्था' की ओर से प्रथम "उद्देश्य" स्मारिका का विमोचन कर उसकी प्रतियां प्रतिभाओं को वितरित की गई। यह प्रथम सर्व समाज बौद्धिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह था जिसमें अन्य समाजों की 33 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
◆31 मार्च 2013 को श्री आदूराम न्योल , कर्मचारी संघ के नेता, की सेवानिवृत्ति पर गांव सातड़ा ( चूरू ) में जाट कीर्ति संस्थान चूरू की ओर से उन्हें अभिनंदन ग्रंथ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सर्व समाज जागृति मंच का गठन कर 11 व्यक्तियों की कार्यकारिणी श्री आदूराम न्याल की अध्यक्षता में गठित की गई तथा पांच व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया।
◆ 6 जून 2013 को वीर तेजाजी मंदिर, चूरु में स्वामी सुमेधानंद जी के सानिध्य में अमर शहीद लोठू जाट की उनकी जन्मस्थली में मूर्ति अनावरण के संबंध में आयोजित की गई बैठक में 75 व्यक्तियों ने भाग लिया। 15 जून 2013 को आयोजित हुए शहीद लोठू जाट के मूर्ति अनावरण समारोह में चूरु जिले से 500 व्यक्तियों ने आपकी अगुवाई में भाग लिया।
◆ 30 जून 2014 को संस्थान द्वारा बौद्धिक सम्मेलन आयोजित कर जिला कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न किया।
◆ 31 मई 2014 को चूरू में जाट चिंतन शिविर आयोजित किया, जिसमें शिक्षाविद श्री फकीर चंद जी एवं डॉक्टर कन्हैयालाल सींवर 'सृजन' को जाट रत्न से सम्मानित किया गया।
◆7 जून 2014 को राजगढ़ में चिंतन शिविर का आयोजन।
◆8 जून 2014 को रतनगढ़ में चिंतन शिविर का आयोजन कर जाट कीर्ति संस्थान की रतनगढ़ तहसील इकाई का गठन किया गया।
◆14 जून 2014 को राजगढ़ में चिंतन शिविर का आयोजन तथा चुनाव के ज़रिए तहसील इकाई का गठन।
◆ 11 अगस्त 2014 को राजगढ़ में स्थानीय तहसील इकाई द्वारा केशवानंद कोचिंग क्लासेज का शुभारंभ। 17 अगस्त 2014 का राज को सरदारशहर में चिंतन शिविर का आयोजन।
◆राजगढ़ में सितंबर 2014 में जाट व्यापार मंडल का गठन कर श्री चंद्रशेखर नांगल को अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।
◆ 19 अक्टूबर 2014 को रतनगढ़ में जाट बौद्धिक मंच द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कर 200 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
◆ 25 अक्टूबर 2014 को सरदारशहर में जाट विकास परिषद द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कर 400 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
◆26 अक्टूबर 2014 को शुरू में सर्व समाज बौद्धिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह चौधरी कुंभाराम आर्य की 19 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर जाट समाज की 159 प्रतिभाओं एवं अन्य समाज की 51 प्रतिभाओं को सम्मानित कर संस्थान की स्मारिका "उद्देश्य तृतीय" का विमोचन व वितरण किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मोहम्मद आरिफ बेग ने की।
◆ जाट कीर्ति संस्थान, चूरू की चौथी कार्यकारिणी का गठन अक्टूबर 2016 में प्रोफेसर हनुमानाराम ईसराण को सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष बना कर किया गया। आपको पुनः महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। 30 अगस्त 2017 को रतनगढ़ में प्रोफेसर हनुमाना राम ईसराण, जिलाध्यक्ष जाट कीर्ति संस्थान, के मार्गनिर्देशन में बीकानेर संभाग में शिक्षा और संघर्ष के सौ साल के इतिहास को केंद्रबिंदु में रखकर संभाग स्तर का समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर "समाज जागृति के सौ साल: बीकानेर संभाग में शिक्षा और संघर्ष का संक्षिप्त इतिहास" शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित की गई। समारोह में तेजा फाउंडेशन के संस्थापक सर्व श्री लक्ष्मण राम बुरड़क, श्री राम स्वरूप चौधरी, प्रो. हनुमाना राम ईसराण, प्रो. डी.सी. सारण के अलावा श्री राम सिंह झाझडिया आदि प्रमुख लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर वीर तेजाजी के Logo लोगो का भी विमोचन किया गया।
◆ चूरू में स्थित झुग्गियों में रहने वाले शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए शुरू की गई आपणी पाठशाला एवं दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित स्कूल का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार के नियमानुसार समुचित संस्था का गठन एवं पंजीयन आपके सक्रिय मार्गदर्शन एवं सतत सहयोग से ही संभव हो सका है।
◆ मधुर स्पेशल शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, चूरू को एक बीघा भूमि श्री हनीफ़ खां क्यामखानी से दान में दिलवाने में आपने प्रेरक की प्रशंसनीय भूमिका निभाई है। उक्त भूमि पर भवन का शिलान्यास भी आपकी अगुवाई एवं मार्गदर्शन में 2018 को किया गया तथा भवन निर्माण हेतु भी आपने ही दानदाताओं को प्रेरित किया है।
◆आपके सद्प्रयासों का ही सुफल था कि श्री सुभाष मितड़ द्वारा जाट कीर्ति संस्थान, चूरू को नवम्बर 2016 में एक बीघा भूमि दान में दी गई। समाज से वैमनस्य पालने वाले कुछ स्थानीय लोगों ने इस भूमि को विवादित बनाकर कुर्क कर रखी है, जिसका सक्षम न्यायालय में वाद लंबित है।
◆आपकी प्रेरणा ओर प्रोत्साहन से श्री प्रेम सिंह सिहाग, सेवानिवृत्त पटवारी, द्वारा तारानगर में छात्रावास एवं समाज के भवन के लिए एक बीघा भूमि दान की है।
लक्ष्मण राम जी महला जैसी सक्रिय एवं अनुभव से समृद्ध शख्सियत जाट समाज में है, समाज के लिए यह गौरव की बात है। सामाजिक गतिविधियों एवं समाजोत्थान के कार्यों में पूरी सक्रियता से जुटे रहना और मनोयोग से समाजोपयोगी कार्यों को दक्षता से संपादित करना आपके व्यक्तित्व की ख़ूबी है।
सामाजिक जागरूकता के कामों को परवान पर चढ़ाने के सिलसिले में आप सारे राजस्थान में घूमे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर अब भी कहीं भी समाज की ओर से कोई सम्मेलन या गोष्ठी होती है तो आप येनकेन पहुंच ही जाते हैं। अपनों से स्नेह रखने वालों के यहाँ आप अपनी सहूलियत को दरकिनार कर हर शुभ-अशुभ मौके पर पहुंचकर अपनत्व का भाव दर्शाते हैं। जरूरतमंद या समाज हित का कोई कार्य करके आप कभी भी उपकार का भाव प्रदर्शित नहीं करते। हम आपके सुदीर्घ, स्वस्थ एवं सक्रिय जीवन की मंगलकामना करते हैं।
प्रस्तुतकर्ता: प्रोफेसर हनुमाना राम ईसराण
पूर्व प्राचार्य, कॉलेज शिक्षा, राजस्थान
जाट रत्न से सम्मानित
जाट कीर्ति संस्थान चूरु के जिला महामंत्री श्री लक्ष्मण राम महला को 9 जनवरी 2015 को सर छोटूराम भवन केशवपुरम, दिल्ली में महाराजा नाहर सिंह के शहीद दिवस (157वें बलिदान दिवस) के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय बौद्धिक महा अधिवेशन 2015 एवं जाट रत्न सम्मान समारोह में सम्पूर्ण भारत वर्ष से पधारे गणमान्य बुद्धिजीवियों की उपस्थिती में आपकी समाज के प्रति निष्ठा, कर्तव्य परायणता को देखते हुये चूरु जिले में जाट समाज के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए जाट-रत्न से सम्मानित करते हुये महाराजा नाहर सिंह अवार्ड दिया गया। इसी अवसर पर जाट कीर्ति संतान चूरु की तहसील शाखा रतनगढ़ के अध्यक्ष श्री सुगन कटेवा को भी जाट बोर्डिंग रतनगढ़ के उल्लेखनीय कार्य करने पर जाट-रत्न से सम्मानित किया गया। चूरु जिले से श्री सुगनाराम सारण सदस्य जिला कार्यकारिणी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
संदर्भ - शिवलाल सिहाग, संवाददाता मोलीसर बड़ा, चूरु 9660275014 जाट परिवेश पत्रिका जनवरी 2015, पृ. 21
जाट इतिहास शोध में योगदान
जाट इतिहास शोध में आपका बहुत बड़ा योगदान है। आपने स्थानीय स्रोतों से जानकारी एकत्रित कर निम्न जाट विषयक लेखों में योगदान किया:
- Anju Nehra
- Badasar Churu
- Bharang
- Bilyoowas Mahiyan
- Devasar Churu
- Dudi
- Gajsar
- Hanuman Singh Budania
- Hari Ram Dhaka
- Jaisangsar
- Jat History Thakur Deshraj, First edition 1934
- Megh Singh Sewda
- Sahjoosar
- Swami Swatantratanand Goswami
- Tiku Ram Nehra
संपर्क
- Mob:9460673486, 9928703317
चित्रा गैलरी
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Laxman Ram Mahla with Children
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Laxman Ram Mahla with wife
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भानीपुरा जाट बौद्धिक सम्मेलन दिनांक 27.11.2011 में सहीराम हुड्डा, हरीराम ढाका, मेघसिंह आर्य, लक्ष्मण महला आदि
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Ramswaroop Chaudhari, Hari Ram Dhaka, Bhanwar Lal Dhaka, Pema Ram, Laxman Burdak, Laxman Mahla, H R Isran at Gramin Kisan Chhatrawas Ratangarh on 31.8.2017
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Jasbir Singh Malik, Hari Ram Dhaka, Bhanwar Lal Dhaka son of Hari Ram Dhaka, Laxman Mahla at Gramin Kisan Chhatrawas Ratangarh on 31.8.2017
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Girdhari Lal Kulhari received honour for Smt Anju Nehra, Laxman Mahla, Jasbir Singh Malik, Ramnath Kaswan at Gramin Kisan Chhatrawas Ratangarh on 31.8.2017
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