Sudhir Kumar Tyagi

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Sudhir Kumar Tyagi

Sudhir Kumar Tyagi (born:12.02.1946) was from village Jhadina in Ghaziabad district of Uttar Pradesh. He was awarded Vir Chakra for his bravery in 1971 Indo-Pak war. He was in 27 Squadron, Flaming Arrows of Indian Air Force.

फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर कुमार त्यागी

वीर चक्र

27 स्क्वाड्रन, FLAMING ARROWS

भारतीय वायुसेना

भारत-पाक युद्ध 1971

फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर कुमार त्यागी का जन्म 12 फरवरी 1946 को ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तरप्रदेश) के गाजियाबाद जिले के झडीना गांव में श्री रघुराज सिंह त्यागी एवं श्रीमती सुशीला त्यागी के परिवार में हुआ था। शिक्षा प्राप्ति के समय NCC में भाग लेते हुए वायुसेना में जाना उनका सपना था। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में प्रवेश लिया और 1965 में वहां से स्नातक हुए, और भारतीय वायुसेना में चुने गए। भारतीय वायु सेना में प्रवेश के पश्चात, उन्होंने 97 पायलट कोर्स पूरा किया। 4 जून 1967 को उन्होंने भारतीय वायुसेना के 27 स्क्वाड्रन में कमीशन प्राप्त किया। इस स्कवाड्रन को लोकप्रिय रूप से 'FLAMING ARROWS' के नाम से भी जाना जाता है।

27 स्क्वाड्रन को 15 फरवरी 1957 को स्थापित किया गया था, और वर्ष 1971 तक, यह हॉकर हंटर MK 56A लड़ाकू बमवर्षक विमानों से लैस हो गया था। जुलाई 1971 में पठानकोट एयरबेस से संचालन के लिए 27 स्क्वाड्रन को हलवारा से स्थानांतरित कर दिया गया था।

जैसा कि 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध आरंभ हो गया था। 27 स्क्वाड्रन को पुंछ सेक्टर में कई उड़ानें भरने और भारतीय सैनिकों को हवाई सहायता प्रदान करने का आदेश दिया गया। 4 दिसंबर 1971 को फ्लाईंग ऑफिसर त्यागी को 2 हंटर विमानों के दस्ते से पेशावर के पास पाकिस्तानी वायुसेना के मुरीद एयरफील्ड पर हमला करने का TASK दिया गया। दोनों हंटर विमानों ने पठानकोट से उड़ान भरी और जैसे ही वे हमले के लिए अपने TARGET के निकट गए, उन्होंने 4 पाकिस्तानी विमानों को अपनी ओर आते देखा। वे उन विमानों से संघर्ष करने लगे और फ्लाईंग ऑफिसर त्यागी ने उनमें से एक दुश्मन विमान को मार गिराया।

जैसे ही दुश्मन का विमान जमीन पर गिरा, तो एक मिराज और दो F -86 सेबर जेट ने उनके अकेले हंटर को निशाने पर ले लिया। फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर कुमार त्यागी कुछ समय तक तो अपने हंटर की उनसे रक्षा करने में सफल रहे, परंतु दुर्भाग्य से उनका हंटर दुश्मन के उत्कृष्ट विमानों के निशाने पर आ गया और भूमि पर गिरकर ध्वस्त हो गया।

फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर कुमार त्यागी को उनकी वीरता और इस एक्शन में उन्हें KILLED IN ACTION मानकर उनके लिए वीर चक्र सम्मान घोषित किया गया था। परंतु, इस घोषणा के अगले ही दिन पाकिस्तान रेडियो पर घोषणा की गई और उनके जीवित होने का अनुमान लगाया गया। उनका नाम अब मिसिंग इन एक्शन के रूप में घोषित भारतीय सशस्त्र बलों के 54 युद्धबंदियों की आधिकारिक सूची में है।

खेदजनक बात यह रही कि उनकी मृत्यु का कोई प्रमाण नहीं होते हुए भी इनको मृत मान लिया गया, इनकी रिहाई की प्रतीक्षा करते हुए इनकी माता का निधन हो गया।